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बहती नदी मध्य एक #पत्थर !
ढूंढते हैं #पेड़ों की छांव , पंछी , #नदियां और तालाब ठंडी ठंडी हवा का बहाव , आसमां का जहां #धरती पर झुकाव । बहती नदी मध्य एक #पत्थर , बैठ गय...
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#उलझा उलझा सा हर आदमी है यहां , कभी जीता है जंग, तो खेल है बिगड़ा । गर कमजोर पड़े थोड़ा सा भी जरा , पल में बदल जाता है खेल का कायदा । कब क...
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इमेज गूगल साभार # मासूम # अदाओं से , यूं ही दिल चुराने वाले , कभी करते बैचेन हो , तो कभी बनते # उम्मीदों के उजाले । चाहत किसे...
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रोज सुबह आते दैनिक या साप्ताहिक अखबार हो , टीवी मैं चलने वाले नियमित कार्यक्रम हो या फिर रेडियो मैं चलने वाले प्रोग्राम हो या मोबाइल मैं आ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
कविता मेम आपके शुभाशीष और शुभकामनाओं के लिए बहुत धन्यबाद ।
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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