फ़ॉलोअर

बुधवार, 24 अक्तूबर 2018

पिये# जा रहे इसे व्हिस्की# और रम# की तरह !

नशे सी हो गयी जिंदगी ,
पिये जा रहे इसे व्हिस्की और रम की तरह ,
कभी तो खुशगवार होगी जिंदगी ,
जिये जा रहे है इसे एक वहम की तरह।
मिल जाते लोग कदम कदम पर कई रिश्तों में ,
निभा लेंगे हर रिश्ता जिंदगी से एक रसम की तरह।
कभी अपनों की दुआओं तो कभी अपनों का सहारा ,
जिंदगी के तपते रेगिस्तान में हो जाते हैं मरहम की तरह।
बड़ी बेरहम है ये दुनिया न जाने किस बात पर बिगड़ जाये ,
पर खुशकिस्मती से मिला है सबका साथ रहम की तरह।
गम और ख़ुशी के न जाने कितने रंग है आजमाये,
करवटें लेती रही जिंदगी धुप और बारिश के मौसम के तरह।
माना कि बेवफा है जिंदगी न जाने कब साथ छोड़ जाये ,
चाहा है इस जिंदगी को एक खूबसूरत सनम की तरह।
है जब तक "दीप" ऐ जहान जिंदगी,
जी लेंगे एक कसम की तरह
हो कोई भी गमे ऐ जिंदगी ,
पी लेंगे इसे व्हिस्की और रम की तरह।

1 टिप्पणी:

Clickhere to comment in hindi

बहती नदी मध्य एक #पत्थर !

ढूंढते हैं #पेड़ों की छांव , पंछी , #नदियां और तालाब ठंडी ठंडी हवा का बहाव , आसमां का जहां #धरती पर झुकाव । बहती नदी मध्य एक #पत्थर , बैठ गय...