tag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post2680226328406000014..comments2024-03-26T19:58:35.684+05:30Comments on #Abhivyakti Deep - #अभिव्यक्ति दीप: श्री अग्रवाल के गंगा को बचाने के भागीरथी प्रयास के हम भी सहभागी बने .दीपक कुमार भानरेhttp://www.blogger.com/profile/14512403306123301731noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-55537703863542274772009-04-21T16:40:00.000+05:302009-04-21T16:40:00.000+05:30is mr. aggarwal still fighting
i am with him
le...is mr. aggarwal still fighting <br /><br />i am with him<br /><br />let send this message to everyoneEverymatterhttps://www.blogger.com/profile/05875066748770822800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-77114251873505917752009-03-03T16:11:00.000+05:302009-03-03T16:11:00.000+05:30इस प्रयास में सारा देश सहभागी बने, हमारी यही कामना...इस प्रयास में सारा देश सहभागी बने, हमारी यही कामना है।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-27999196771742384742009-03-02T12:34:00.000+05:302009-03-02T12:34:00.000+05:30ब्लॉग पर आकर बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिये धन्...ब्लॉग पर आकर बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिये धन्यवाद. <BR/>प्राप्त प्रतिक्रिया पर मैं कुछ बातें कहना चाहूँगा की कोई भी व्यक्ति विकास और मानव हितों मैं प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर आत्राज नहीं करेगा बस जरूरत है सहेजते हुए और उसके अस्तित्व को बनाए रखते हुए उनके दोहन की . क्योंकि इन पर सिर्फ हमारा ही नहीं आने वाली पीढियों का भी अधिकार भी है और हमारे जीवन के लिये इनका होना भी उतना आवश्यक है जितना की हमारा भी . साथ इससे भी सहमत हुआ जा सकता है की अगर गंगा कहीं मुस्लिमों से जुड़ी होती तो नजारा ही कुछ और होता . अन्य सभी प्रतिक्रियायों से भी बहुत सकारात्मक और सराहनीय है . बहुत धन्यवाद.दीपक कुमार भानरेhttps://www.blogger.com/profile/14512403306123301731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-63977881918843160342009-02-28T10:45:00.000+05:302009-02-28T10:45:00.000+05:30इसमें सारे देश को सहभागी बनने की आवश्यकता है।इसमें सारे देश को सहभागी बनने की आवश्यकता है।Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-30575444252464230342009-02-28T02:14:00.000+05:302009-02-28T02:14:00.000+05:30बहुत ही सुंदर जानकारी हम सब को इस मै सहय़ोग करना चा...बहुत ही सुंदर जानकारी हम सब को इस मै सहय़ोग करना चाहिये.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-12867344224805378592009-02-27T23:49:00.000+05:302009-02-27T23:49:00.000+05:30Ganga kee pavitrta aur shuddhta bachane ke liye ki...Ganga kee pavitrta aur shuddhta bachane ke liye kisi bhi prayaas ke ham samarthak hain....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-70731858023770704322009-02-27T19:02:00.000+05:302009-02-27T19:02:00.000+05:30इसके विषय में आई आई टी में एक दोस्त ने बताया तो था...इसके विषय में आई आई टी में एक दोस्त ने बताया तो था ..निसंदेह उनके इस प्रयास में जुड़ना चाहिए ..शायद कोई साईट भी है.क्या उसका लिंक दे सकते है ?डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-67394617574433772372009-02-27T17:30:00.000+05:302009-02-27T17:30:00.000+05:30मित्र दूसरा पहलु भी है। बाँध केवल विनाश का प्रतीक ...मित्र दूसरा पहलु भी है। बाँध केवल विनाश का प्रतीक होते तो विश्व भर में उसकी खिलाफत होती लेकिन नॉर्वे जैसे देश भी हैं जिन्होंने अपनी क्षमता का 100% दोहन किया और विकसित हैं। सभी विकसित देश अपनी नदियों की उस क्षमता पर निर्भर हैं जिससे हींग लगे न फिटकिरी, कोयला जले न पट्रोल और बिजली पैदा होती है। आज कल रन-ऑफ-द-रिवर पद्यति से बाँध निर्मित किये जाते हैं और पूरी प्रक्रिया में नदी अविरल बहती रहती है। जल-विद्युत से न तो प्रदूषण होते हैं न ही पानी से बिजली बनाने से पानी की गुणवत्ता को कोई नुकसान। गंगा प्रदूषित है तो बाँधों के कारण नही बल्कि उन उद्योगों के कारण जो मैदानों में हैं। <BR/><BR/>पर्यावरण विद होना इस देश में सबसे आसान शगल है। यह भी सत्य है कि बाँध-विरोध को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल है। यह "स्लम डॉग" का देश है बिजली का विरोध करने वालों की जय हो। बाद में नेताओं को गाली दीजियेगा कि बिजली जैसी बुनियादी सिविधा भी भारत में नहीं है। हद दोगलापंथी है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-17327752268216253512009-02-27T15:46:00.000+05:302009-02-27T15:46:00.000+05:30गंगा की शुद्धि के लिए गंगापुत्रों का सरकार पर निर्...गंगा की शुद्धि के लिए गंगापुत्रों का सरकार पर निर्भर होना 'राष्ट्रीय शर्म' की बात है. आम आदमी को खुद ही इसकी अहमियत समझनी चाहिए. नहीं तो फिर गंगा को सिर्फ कूड़ा ढोने के लिए जीवित रखने का कोई औचित्य नहीं.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-69366092908152329382009-02-27T15:03:00.000+05:302009-02-27T15:03:00.000+05:30भानरे साहब, अगर गंगा कहीं मुस्लिमों से जुड़ी होती त...भानरे साहब, अगर गंगा कहीं मुस्लिमों से जुड़ी होती तो नजारा ही कुछ और होता. बहुत दिनों बाद आपके ब्लाग पर आ सका.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-21266131415799636942009-02-27T14:23:00.000+05:302009-02-27T14:23:00.000+05:30गंगा को बचाने के लिए श्री जी डी अग्रवाल के इस भागी...गंगा को बचाने के लिए श्री जी डी अग्रवाल के इस भागीरथी प्रयास को देश के आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बनना ही चाहिए था .... पर आज मीडिया इन सब बातों पर ध्यान कहां देती है ... इंटरनेट पर हिन्दी के पाठको की सीमित संख्या भी उस ढंग से उनको प्रचारित नहीं कर पाएगी ... वैसे आपने अपने ब्लाग में इस लेख को डालकर अच्छा किया है ... उनकी सफलता के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com