tag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post8459761387732795646..comments2024-03-26T19:58:35.684+05:30Comments on #Abhivyakti Deep - #अभिव्यक्ति दीप: महिलाओं की सुन्दरता और बाजारवाद का प्रभाव !दीपक कुमार भानरेhttp://www.blogger.com/profile/14512403306123301731noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-22371943948098256402008-10-01T12:02:00.000+05:302008-10-01T12:02:00.000+05:30आलेख पढने और उस पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया देने...आलेख पढने और उस पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए हार्दिक धन्यबाद .दीपक कुमार भानरेhttps://www.blogger.com/profile/14512403306123301731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-18976874834321264672008-09-30T19:48:00.001+05:302008-09-30T19:48:00.001+05:30आपको ईद और नवरात्रि की बहुत बहुत मुबारकबादआपको ईद और नवरात्रि की बहुत बहुत मुबारकबादrakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-33405170534440517442008-09-30T19:48:00.000+05:302008-09-30T19:48:00.000+05:30western culture ka effect hamen jaane kahan le jar...western culture ka effect hamen jaane kahan le jaraha hai..lekin ham hain ki ek andhi gali mein doude chale jaarahe hain, is mein orten (ladies) bhi kam zimmedaar nahi hain....rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-14009713658459752942008-09-30T12:50:00.000+05:302008-09-30T12:50:00.000+05:30बहुत कम बेनाम टिप्पणी अच्छी होती हैं। ये बेनामी टि...बहुत कम बेनाम टिप्पणी अच्छी होती हैं। ये बेनामी टिप्पणी जरूर किसी नारी की है, अच्छी है सहमत हूं। पर आप के भी कुछ प्वाइंट से मैं सहमत हूं। क्या करें जो सुदर नहीं हैं?Nitish Rajhttps://www.blogger.com/profile/05813641673802167463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-9181852712707053172008-09-30T01:03:00.000+05:302008-09-30T01:03:00.000+05:30आपने आज के समय का बहुत ही प्रासंगिक विषय छेड़ा है।...आपने आज के समय का बहुत ही प्रासंगिक विषय छेड़ा है। लेकिन आपके द्वारा उठाए गए विषय के कुछ दूसरे पहलुओ पर भी मैं आपका ध्यान ले जाना चाहूंगी। आपने कहा कि महिलाओं के लिए तो बहुत सी सौंदर्य प्रतियोगिताएं होती हैं लेकिन पुरुषों को कोई नहीं पूछता। अरे भाई कुछ चीजें जन्मजात ही मिल जाती हैं जैसे कि सौंदर्य की विरासत। अगर पुरुष अपनी हर जगह अपनी शक्ति का परचम लहराते फिरते हैं तो महिलाएं अपनी सुंदरता पर क्यों ना इतराएं। प्रकृति प्रदत्त चीजों पर किसे फक्र नहीं होता? <BR/>आपने सुंदरता को निशाना बनाने वाले बाज़ारवाद पर भी हमला बोला है। अरे भई, आज के ज़माने में कोई चीज़ फ्री में नहीं मिलती। बाज़ार इतना कुछ देता है तो बदले में कुछ लेगा भी। इसमें कोई शक नहीं कि दुनियाभर में होने वाली सौंदर्य प्रतियोगिताओं ने महिलाओं की पहचान को एक नया आयाम दिया है। भले ही ये प्रतियोगिताएं सौंदर्य के सिर्फ एक पक्ष को ही दिखाती हैं लेकिन ये हौसला बहुत ज्यादा बढ़ाती हैं। आप खुद सोच सकते हैं कि आत्मविश्वासी होने पर इंसान नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकता है। रही बात मन की सुंदरता को पहचनानने की, तो ये काम समाज का है, हमारा और आपका है, बाज़ार का नहीं। जब बाज़ार अपना काम पूरी शिद्दत से कर रहा है तो फिर हम अपना फर्ज़ क्यों नहीं निभाते? एक और बात मैं कहना चाहूंगी कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं। समाज संतुलित बना रहे, इसके लिए महिलाओं और पुरुषों की बराबर की भागेदारी की बहुत ज़रूरत है। ज़रूरत यह समझने की है कि पुरुषों महिलाओं में कोई प्रतियोगिता नहीं है। वे एक-दूसरे के पूरक हैं। उनकी अपनी-अपनी ख़ूबियां हैं और ज़रूरत सिर्फ उन्हें पहचानने की है। फिर देखिएगा, हम कहां से कहां पहुंच जाएंगे।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-58039602570448474492008-09-29T23:44:00.000+05:302008-09-29T23:44:00.000+05:30क्या बात हे,लेकिन सुंदरता तो जुबान पर,चरित्र की,ओर...क्या बात हे,लेकिन सुंदरता तो जुबान पर,चरित्र की,ओर मन की होनी चाहिये , वही नारी इज्जत पाती हे जिस के पास मन की जुबान की सुंदरता हो, बाकी....<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-86797943651881608632008-09-29T22:44:00.000+05:302008-09-29T22:44:00.000+05:30बाजार की मांग पर ही सब चलता है!बाजार की मांग पर ही सब चलता है!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-78514193158110630592008-09-29T22:25:00.000+05:302008-09-29T22:25:00.000+05:30बाजार से ही सब चलता है..बाजार से ही सब चलता है..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-88837603354867994362008-09-29T18:12:00.000+05:302008-09-29T18:12:00.000+05:30महिलाएँ और सुन्दरता पुरुष की कमजोरी हैं, बाजार इसी...महिलाएँ और सुन्दरता पुरुष की कमजोरी हैं, बाजार इसी को भुना रहा है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-88724559894365343682008-09-29T13:59:00.000+05:302008-09-29T13:59:00.000+05:30"फेयर एंड लवली" की सेल फिगर सुनेगे तो होश उड़ जायेग..."फेयर एंड लवली" की सेल फिगर सुनेगे तो होश उड़ जायेगे आपके....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8652498069556477570.post-41114166710569491292008-09-29T13:55:00.000+05:302008-09-29T13:55:00.000+05:30bahut sunder lekhregardsbahut sunder lekh<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.com