शनिवार, 26 दिसंबर 2020

ऐ #बीते हुये #पल !

 


ऐ बीते  हुये पल ,

शुक्रिया तहे दिल , 

तेरी ही पनाहों से , 

जीवन रहा है चल ।


कभी सपाट तो ,

कभी उबड़ खाबड़ ,

राहें मिलती पल पल ।


थोड़ा गिरे तो ,

कभी थोड़ा डरे , 

तो कभी थोड़ा गए फिसल ।


आहिस्ते से कदम जमाते , 

चीजें पकड़ सहारे पाते , 

चले है संभल संभल ।


कभी गम के तो ,

तो कभी खुशी के , 

आंसू ग ये निकल ।


हां कुछ तो खोया है , 

पर कुछ पाया भी है , 

खाली न रहा पटल ।


जो है उसका शुक्र मनाकर , 

सावधानी और सुरक्षा अपनाकर, 

बोएंगे नयी फसल । 


ऐ बीते हुये पल ,

शुक्रिया तहे दिल ,

तेरे ही अच्छी वजहों से , 

मिल रहे हैं नये पल ।

रविवार, 13 दिसंबर 2020

जरा आने से पहले बताया तो करो ।



 ऐसे तो अचानक न आया करो , 

जरा आने से पहले बताया तो करो ।


समेट सकें जीवन के बिखरे पन्नों को , 

सजा सकें दिल के धूल भरे कोनों को , 

संवरने का मौका तो मिले कम से कम ,

सांसों की खुशबू से हवा महकाया तो करो ।


न जाने किस हाल में बैठे हैं बेदम  ,

बहके से कदम और बहके से हो हम ,

छुपाने का मौका तो मिले दिलों गम  ,

जरा हंसकर खिलखिलाया तो करो ।


नीले अंबर के तले गिनकर तारे , 

ढूंढ रहे इनमें सूने दिल के सहारे , 

अंधेरा तो जरा मन का हो ख़तम , 

जरा आंचल के सितारों को चमकाया तो करो ।


आ ही गए हो तो क्या बनोगे हमदम , 

खुशियों से क्या भर दोगे दामन , 

काली रातों का क्या मिटेगा ग्रहण , 

बनकर पूनम का चांद जगमगाया तो करो ।


ऐसे तो अचानक न आया करो , 

जरा आने से पहले बताया तो करो ।