मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
#आंगन की छत है !
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#आंगन की छत है , #रस्सी की एक डोर, बांध रखी है उसे , किसी कौने की ओर। #नारियल की #नट्टी बंधी और एक पात्र #चौकोर , एक में भरा पानी , एक में...
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रविवार, 31 मार्च 2024
बहती नदी मध्य एक #पत्थर !
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ढूंढते हैं #पेड़ों की छांव , पंछी , #नदियां और तालाब ठंडी ठंडी हवा का बहाव , आसमां का जहां #धरती पर झुकाव । बहती नदी मध्य एक #पत्थर , बैठ गय...
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शनिवार, 23 मार्च 2024
नील लगे न पिचकरी, #रंग चोखा आये ,
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नील लगे न #पिचकरी, #रंग चोखा आये , कीचड का गड्डा देखकर , उसमें दियो डुबाये . ऊंट पर टांग धरन की , फितरत में श्रीमान , मुंह के बल...
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शुक्रवार, 8 मार्च 2024
#नारी शक्ति अनंत अथाह ।
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मन के अंदर कितने हो घाव, फिर भी रखे कोमल स्वभाव, मुश्किल में हो कितनी जीवन नाव, फिर भी डिगे न इन के पांव । #ममता के #आंचल की छांव , सुरक्षा...
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रविवार, 3 मार्च 2024
जुदा है वो हर #अदा से !
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जुदा है उसकी #आंखें , नीली नीली सी आंखें , गीली गीली सी आंखें , निकली जैसे समंदर में नहाके । जुदा है उसकी #बातें , कहती सब अंदाजे बयां से, फ...
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