शनिवार, 26 जनवरी 2019

गणतंत्र# दिवस पर तिरंगा# फहराया !


Image साभार गूगल .

गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया ,
सलामी देकर राष्ट्रगान गाया ।
कुछ नाच गाकर कुछ भाषण देकर ,
देशभक्ति का भाव जगाया ।
याद किया शहीदों के बलिदानों को,
कुर्बानी का न होने देंगे जाया ।
हक़ को लड़कर लेने की है ठाना ,
फर्ज का जज्बा रग रग में समाया ।
प्रण किया  मिलजुलकर ऐसे रहेंगे ,
जैसे हो एक परिवार का साया ।
उन महापुरुषों के है हम आभारी ,
जिन्होंने यह संविधान बनाया ।
देश का यह गणतंत्र अमर रहे ,
 ऐसे भाव ले घर वापस आया ।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाये । 

गुरुवार, 24 जनवरी 2019

पानी# से चला दी कार# !


अक्सर यह देखने में आता है की हर अभिनव प्रयोग और नए आविष्कार के विदेश में ही होने की खबर समाचार पत्रों में बड़े तामझाम के साथ छपती है , जिससे ऐसा लगता है की वहां के लोग बड़े प्रतिभाशाली है और हमारे यहां के नहीं ।
दोस्तों आज 22/01/19 के दैनिक भास्कर में सूरत के इंजीनियर श्री पुरुषोत्तम जी द्वारा पानी से कार चलाने की खबर छपी है । वह भी अंदर के पृष्ठ में । यही खबर यदि विदेश से होती तो बड़े तामझाम के साथ प्रथम पृष्ठ में मुख्य खबर बनती ।
नृत्य और संगीत कला की प्रतिभाओं को प्रदर्शन और प्रोत्साहित करने के लिए संचार मीडिया जैसे टेलीविज़न में पर्याप्त मंच उपलब्ध है , किन्तु विज्ञान और अन्य क्षेत्र की प्रतिभाओं के लिए कोई उचित मंच प्रतीत नही होता है ।
जो भी हो यदि यह खबर सही है तो इसे ज्यादा से ज्यादा प्रसारित और प्रचारित किया जाए , ताकि इस तरह के अभिनव प्रयोग करने वाली प्रतिभाओं का उत्साह वर्धन हो और उन्हें उनके इन प्रयासों के लिए प्रसिद्धि और सम्मान मिल सके साथ ही दूसरे प्रतिभाशाली लोग भी ऐसे अभिनव प्रयोग करने हेतु प्रेरित हो सके ।
 धन्यवाद ।

रविवार, 13 जनवरी 2019

कुछ# इस तरह# से जीना# आ गया !

कुछ# इस तरह# से जीना# आ गया !

कुछ इस तरह से जीना आ गया , मुस्कुराते हुये ग़मों को पीना आ गया ।

मुश्किलों के दौर के आये जो मंजर , कोई साथ न देगा न थी ऐसी खबर । 
मदद की आस में भटकते दर बदर , परेशानियों से लड़ने का हुनर जो आ गया। 
खुद ही अपने जख्मों को सीना आ गया .........

फिजाओं में घुल रहे है कैसे कैसे जहर , बदनाम हो रहे हैं अब तो हर शहर ।
पता नहीं कब कौन मार दे ठोकर , संभल कर चलने का आया जो हुनर।
वक्त से तजुर्बों का नगीना पा गया .........

जूझने का सबब समेटे हुये अंदर , हासिल कर "दीप " जीने 
का हर  हुनर।
कर के सारी दुशवारियों को बेअसर , पार कर लेंगे जीवन का समुन्दर।
लो अब बहाना पसीना जो आ गया . 

कुछ इस तरह से जीना आ गया , मुस्कुराते हुये ग़मों को पीना आ गया ।

मंगलवार, 1 जनवरी 2019

खरे सोने# सी बढे दुनिया# में कदर# ।

खरे सोने# सी बढे दुनिया# में कदर# ।

खुशियों का फैला हो अनंत आकाश ,उत्साहों से भरा हो अथाह समंदर ।
ऊर्जाओं का बिखरा हो अपार प्रकाश, अवसरों की खुली होअनेकों डगर ।
गिरकर उठ जाने के हो पुनः प्रयास , एकलव्य सा दोगुना हो जूझने का असर ।
संभावनाओं के दिन व् दिन बढे कयास, लक्ष्यों पर हो अर्जुन सी पैनी नजर ।
सुखदुख की लहरों की जब पड़े थाप, मिटटी के घड़ों सा निखरे तनमन सुन्दर ।
सफलताओं पर मिले अपनों का आशीर्वाद , खरे सोने सी बढे दुनिया में कदर ।
मित्रों और अपनों की दुआओं हो साथ ,  कदम चूमे कामयाबियों का शिखर ।
पलपल हो ईश्वर की कृपाओं की बरसात, संवर जाये "दीप" जीवन का हर सफ़र ।
🌸नव वर्ष की अनंत शुभकामनाये एवं बधाइयाँ । 🌸