सोमवार, 23 सितंबर 2019

ये दिल# कर ही गया गुस्ताखियां# !

ये दिल कर ही गया गुस्ताखियां ,
होकर उनका कर ही गया मनमानियां ।

वो उनकी हंसी शरारत ,
वो हर बात पर उनका हंसना , यूं दिल में आकर बसना ,
वो दिल में उतर जाने की महारथ ,
बढ़ा देती है दिल की बेताबियां ।

अब किस से करें शिकायत ,
ये दिल भी अपना , और उन्हें भी माना है अपना ,
उन्हें अपना बनाने की है चाहत ,
अब तो उनकी यादों की है बैसाखियां ।

अब किसकी करें वकालत ,
मुजरिम भी है अपना , और मुलाजिम भी है अपना ,
अब किसको करें हताहत ,
आखिर दोनों तरफ है परेशानियां ।

दिल में दे ही गया कोई दस्तक ,
कोई तो हुआ अपना , सच हुआ प्यार का सपना ,
मानकर  खुदा की इबादत ,
बन जाएं एक दूजे की परछाइयां ।

ये दिल कर ही गया गुस्ताखियां ,
होकर उनका कर ही गया मनमानियां ।
                                        **** "दीप"  ****       

शनिवार, 14 सितंबर 2019

वक्त# का क्या है ये वक्त तो गुजर# जाना है !


वक्त# का क्या है ये  वक्त तो गुजर#  जाना है ।
 संवार लें पल पल# फिर कब ये लौट कर आना है ।

गम के लम्हों को गुजरने में सदियों सा समय लगता है ।
खुशियों के पल कब गुजर जाये पता ही नहीं चलता है ।
ये तो वक्त का अंदाज पुराना है ।..…..…

फिसल जाता है वक्त हाथ से रेत की तरह कहां है थमता ।
सहेज लें हर वक्त बूंद बूंद पानी की तरह जितनी है क्षमता ।
इससे ही तो आने वाला कल सुहाना है ।.........

वक्त वक्त की बात है इस जहां में कौन बार बार है मिलता ।
गुजार लें हंस बोलकर  वक्त इसमें कहां कोई धन है लगता ।
याद करके साथ उनका आगे तो मुस्कुराना है ।........…

अपना भी वक्त आयेगा बस उम्मीद का दामन रहे संभलता ।
हर वक्त 'दीप 'अवसर है बस जीत का जज्बा रहे मचलता ।
फिर सफलता कदमों में और मुट्ठी में जमाना है ।...........

वक्त का क्या है ये  वक्त तो गुजर  जाना है ।
संवार लें पल पल फिर कब ये लौट कर आना है ।