मौसम हो रहा है #कातिल ,
और दिल है उफान पर,
सेल्फी जरा लेना ,
होश अपने संभाल कर ।
मौसम बन रहा है कातिल ,
अरमां भी है आसमान पर,
सेल्फी जरा लेना ,
होश अपने संभाल कर ।
मौसम हो रहा है #कातिल ,
सुबह का पता न शाम का ,
खाने की सुध न आराम का ,
लगातार सर झुकाये बैठे हो ,
#स्क्रीन पर नजर गड़ाये बैठे हो ।
कभी दर्द की शिकायत ,
तो उससे निजात की कवायद ।
एक अलग ही दुनिया बनाये बैठे हो ,
साथ अपनों का गवाये बैठे हो ।
ध्यान जरा अपना हटाकर ,
सर को अपने ऊपर उठाकर ,
उंगलियों को अपनी विराम दो ,
आंखों को अपनी आराम दो ।
यदि हो जाये ऐसी बगावत ,
तो मिल जाये कुछ राहत ।
अस्तित्व को अपने एक जुबान दो ,
अपने होने का जरा प्रमाण दो ,
बड़ों की बातों को मान दो ,
दीवानगी #मोबाइल को जरा लगाम दो ।
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