शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

वक्त बदलते हैं , हालात बदलते हैं !

इमेज गूगल साभार


वक़्त बदलते हैं , 

हालात बदलते हैं ,

कभी वक्त लगता है ,

कभी अकस्मात बदलते हैं ।

गर जारी रही कोशिशें ,

तो तय है कि ,

पर्वत भी पिघलते हैं ,

और दरिया भी थमते हैं ।


वक्त बदलते हैं ,

हालात बदलते हैं ,

कभी परिश्रम लगता है ,

कभी भाग्य बदलते हैं ।

गर हौसला बना रहे ,

तो तय है कि ,

अवसर भी मिलते हैं ,

और कामयाबी भी बुनते हैं ।


वक्त बदलते हैं ,

हालात बदलते हैं ,

कभी मर्जी का होता है,

कभी न मर्जी मिलते हैं ।

गर संयम बना रहे ,

तो तय है कि ,

बुरे दौर भी गुजरते हैं ,

बुरे हालात भी टलते हैं ।


वक़्त बदलते हैं , 

हालात बदलते हैं ।

14 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२२-०१ -२०२२ ) को
    'वक्त बदलते हैं , हालात बदलते हैं !'(चर्चा अंक-४३१३)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय अनीता मेम ,
    मेरी प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा
    'वक्त बदलते हैं , हालात बदलते हैं !'(चर्चा अंक-४३१३) पर सम्मिलित करने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार । होगी।
    सादर ।
    सादर

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  3. आदरणीय रवि सर, आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय सर, आपकी सकारात्मक और शानदार प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर सार्थक रचना

    जवाब देंहटाएं
  6. आदरणीय नीतीश सर , मनीषा मेम एवं अभिलाषा मेम आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीय मनोज सर, आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय सरिता मेम, आपकी सकारात्मक और सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु सादर धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं

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