बुधवार, 15 जून 2022

थाम लिया है तेरा ही #दामन !

इमेज गूगल साभार


थाम लिया है तेरा ही #दामन ,

छोड़कर अपनी गलियां घर आंगन ।

अब  न पतझड़ न कोई सावन ,

हर वक्त है तेरी चाहत का मौसम ।


तू ही है अब मेरी तमन्ना ,

तुझे सोचकर हर आहें भरना ,

तेरे जिक्र से दिल का मचलना ,

मेरी हर सांसें है तुझको ही समर्पण ।


रात दिन का अब अहसास नहीं ,

तेरी यादों के सिवा कुछ पास नहीं ,

भूल जाऊं तुम्हें ऐसे कोई कयास नहीं ,

चाहे हो जाये अब सबकुछ अर्पण ।


न तुझे पता न मुझे मालूम ,

कैसे चढ़ा ये चाहत का जुनून ,

मुझे तो बस है इतना सुकून ,

कि एक ही है दो दिलों की धड़कन । 


थाम लिया है तेरा ही #दामन ,

छोड़कर अपनी गलियां घर आंगन ।

अब  न पतझड़ न कोई सावन ,

हर वक्त है तेरी चाहत का मौसम ।

3 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय रवि सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिकृया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार , सादर ।

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  2. आदरणीय रवि सर , आपकी बहुमूल्य प्रतिकृया हेतु बहुत धन्यवाद एवं आभार , सादर ।

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