सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

सब मां की कृपा का फल है ।


सरल है अविरल है ,

स्नेह से कलकल है ,

मन पवित्र और निर्मल है ,

मां का ममतामयी आंचल है ।


शत्रु में दहल है ,

विपदा भी विफल है,

हर मुश्किल का हल है,

जब मां का सानिध्य प्रबल है ।


नभ और जल थल है ,

चारों दिशाओं का दल है ,

यह ब्रम्हांड सकल है ,

मां के जयकारे की हलचल है ।


खुशियां पल पल है ,

समृद्धि भी अटल है ,

सबका बस मंगल है ,

सब मां की कृपा का फल  है ।

💐🙏जय माता दी ।🙏 💐

सोमवार, 9 अक्टूबर 2023

माना अभी #जद में थोड़ा न है !

 


माना अभी #जद में थोड़ा न है ,

#घर अपना आज ,

फिर भी गर संभल गये ,

कहीं उठते #धुयें को #भांप ।


खोद लिया एक #कुंआ गर ,

खतरे का कर आभास ,

शायद उस वक्त काम आये , 

जब अपने तक आये #आंच ।


गर करते नहीं #नजरंदाज ,

जो कुछ हो रहा आसपास,

तो मंसूबे सफल न होंगे ,

जो फैलाने वाले हैं आग ।


शायद एक हद बन जाये,

और एक सुरक्षा आकाश,

फिर शायद #जद में न होंगे,

अपना घर और आसपास ।