धरती और गगन ,
नदी , पर्वत और वन,
सब खेले एक आंगन ,
वो है मेरा #वतन ।
लहरें , पवन ,
पंछी , चमन ,
जहां झूलों का #सावन,
वो है मेरा वतन ।
धीरज, #धरम,
पूजा और तपोवन,
सब दिन उत्सव सा #पावन ,
वो है मेरा वतन ।
#चांद पर कदम ,
मिले आदित्य से नयन ,
हर होड़ में है नंबर वन,
वो है मेरा वतन ।
सब शुभ #मंगलम ,
है #वसुधैव #कुटुंबकम्,
जहां #अतिथि देवो भवम,
वो है मेरा वतन ।
🌷गणतंत्र दिवस की अनेकों अनेक शुभकामनायें ।🌷
🙏जय हिंद , जय भारत ।🙏