कुछ
उससे ज्यादा ही पाने की जुगत लगाओ
गर
आया पसंद आसमां में कोई सितारा
तो टूटकर
झोली में गिरने तक नजर न हटाओं .
सुलझी
नहीं है गुत्थियाँ जो अब तक
सुलझाने
को उनको अपना मन बनाओं
जबाब
जिसका किसी के पास न हो
ऐसे
प्रश्न के उत्तर पर अपन दिमाग खपाओ .
न
होने दो रात को इतनी ज्यादा लम्बी
की
आगोश में उसके नींद सुकून पा जाये
झपके
कुछ इस तरह से अपनी पलकें
की
आँखें बस कुछ पल ही सुकून पाये .
सीने
में रात के चिंगारी का ऐसा खंजर चुभाओ
की
बस्तियां अँधेरे की जलकर खाक हो जाये
फिर
उम्मीद के उजाले का एक नया घर सजाओ
जहाँ मुसाफिर मंजिलों के ठहर विश्राम पाये .
उम्मीद के उजाले का
जवाब देंहटाएंएक नया सूरज उगाओं
सुंदर रचना
सर , आपकी प्रशंसा युक्त सुंदर प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में शनिवार 21 जून 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ओजस्वी
जवाब देंहटाएंमेम , आपकी प्रशंसा युक्त सुंदर प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।
हटाएंसुंदर सृजन!
जवाब देंहटाएंमेम , आपकी प्रशंसा युक्त सुंदर प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद , सादर ।
हटाएं