बुधवार, 4 अप्रैल 2018

तय# होते रहें सफ़र# ए जिंदगी# !

तय# होते रहें सफ़र# ए जिंदगी# !

कुछ की गोद में है खेले ,कुछ की ऊँगली पकड़ चलना सीखे ।
तो कुछ सीख देकर चले गए,तय होते रहें सफ़र ए जिंदगी ।
कोई कम उम्र में ही छूटे,तो किसी के जीवन बहुत लंबे बीते ।
एक एक कर  साथ छुटे , तय होते रहें सफ़र ए जिंदगी ।
किसी से अपने थे रूठे, तो किसी को अपनों ने दिये धोखे ।
रूठ कर दुनिया से चले गए,तय होते रहें सफ़र ए जिंदगी ।
किसी का अभाव में जीवन बीते,किसी का बीमारी से चैन लुटे।
संघर्ष करते जीवन है छूटे ,तय होते रहे सफ़र ए जिंदगी ।
किसी को कुछ पता है न जाना है ,जीवन के नहीं है भरोसे ।
जब तक है जान हो बेफिक्र , जलते रहें 'दीप' ए जिंदगी ।
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