गुरुवार, 7 मई 2020

#मुहावरे और #लोकोक्तिया पर भी #कोरोना की वक्र दॄष्टि !

आदरणीय
लो अब मुहावरे और  लोकोक्तिया पर भी कोरोना की वक्र दॄष्टि पड गई . जो कोरोना के संक्रमण के प्रभाव से कुछ ऐसी बन गई है . कृपया गौर फरमाइयेगा .
.
क़्वारनटाइन का मारा न घऱ का न घाट .
.
अब पछ्ताये होत क्या , जब कोरोना से हो गई भेंट .
.
सौ सर्दी खांसी बुखार की , एक कोरोना वार की .
.
सोशल डिस्टेंशिंग परमोधर्मा .
.
घर के बाहर तो कोरोना भी शेर होता है .
.
बिन मांगे कोरोना मिले  , मांगे मिले न तालाबंदी से ब्रेक .
.
तालाबंदी में सिर दिया तो कोरोना से क्या डरना .
.
अकेला आदमी , कोरोना नही फैला सकता .
.
आस्तीन का कोरोना .
.
हवन करते कोरोना होना .
.
कोरोना से छला ,शक्कर भी धो धो कर खाता है .
.
चार दिन की तालाबंदी , फिर खुल जायेंगे कपाट .
.
घर का बंदी , कोरोना घटावे . 

3 टिप्‍पणियां:

Clickhere to comment in hindi