शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

वो #मशहूर कर गए !

 

इमेज गूगल साभार

वो #मशहूर कर गए ,

मुझे #बदनाम करते करते ।

यूं जुबान पर चढ़ गए ,

उनके हर जिक्र में पलते पलते ।


एक सुकून सा पाते हैं वो ,

जब करते हैं बुराई मेरे नाम की ,

यूं ही मरहम बन गये हम ,

उनकी नफरतों में जलते जलते ।


चमक उठती है आंखें उनकी ,

जब करते हैं तमन्ना मेरे नाकाम की ,

यूं ही चिराग बन गये हम ,

उनकी आंखों में खलते खलते ।


उनको नापसंद कुछ मेरी आदतें ,

बनी जरिया राहत और आराम की ,

शुक्र है हमदर्द हो गये हम ,

उनकी नापसंदगी में पलते पलते ।


वो शुक्र गुजार कर गए ,

मुझे बदनाम करते करते ।

हम जुबान पर चढ़ गए ,

उनके हर जिक्र में पलते पलते ।

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