रविवार, 19 फ़रवरी 2023

वो होगा विश्वसनीय ?


काम बनाने की लोग 

कोशिश में अपनी ,

चलाते है जब तब

#झूठ की #मथनी ।


#हांडी #काठ की तो

एक बार ही पकनी ,

#कलई झूठ की तो

है  कभी तो उतरनी ।


#दाढ़ी #चोर की जिस दिन 

है तिनके संग मिलनी ,

गड़े #मुर्दे की तब 

है #मिट्टी निकलनी ।


सच से झूठ को 

फिर मिलेगी पटकनी ,

छुपाने को मुंह फिर

कहां जगह है बचनी ।


अंतर में  मिलेगी जिसके

करनी और कथनी ,

जमाने में कैसे फिर 

वो होगा विश्वसनीय ।

                ****"दीप"क कुमार भानरे****

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 23 फरवरी 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।

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  2. क्योंकि अंत में सत्य की ही विजय होती है

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  3. आदरणीय पम्मी मेम,
    मेरी इस लिखी रचना ब्लॉग को "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 23 फरवरी 2023 को साझा करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
    सादर ।

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  4. आदरणीय अनीता मेम,
    जी सच कहा , बहुत धन्यवाद आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु ।
    सादर ।

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  5. चतुराई कोई लाख करे, सत्य की जीत निश्चित होती है ! समय जरूर एक कारक है

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  6. आदरणीय शर्मा सर मेम,
    जी , बहुत धन्यवाद आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु ।
    सादर ।

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