रविवार, 30 अप्रैल 2023

दुविधा में आम जन आज !



कहते रहे उन लोगों को बुरे,

जो सत्ता पर आसीन रहे,

जब मिले खुद को मौके ,

तो हाथ साफ करने से न चुके ।


जब मिले रंगे हाथ ,

तो बताने खुद को पाकसाफ,

तुलना में दूसरों के ,

गिनाते रहे कामकाज ।


जहां है जैसा राज ,

अपराधी का वहां वैसा इलाज,

कहीं बाहर हो रहे सजाबाज,

तो कहीं मिट्टी में माफियाराज।


दुविधा में आम जन आज ,

कालनेमी के भेष में कौन है दगाबाज,

दिलाकर स्वर्णमृग सा अहसास ,

हर रहे हैं छल से विश्वास ।

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