शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

चाहता है #उलझना कौन यहां आज .

#उलझना


देख लो जी भर के #महफिल में मुझे ,

छुपकर मेरे चाहने वालों में ,

आयेगा न कोई #इल्जाम तुम पर,

कि शामिल हो मेरे #दीवानों में ।


गर गरज उठे बिजली संग बादल ,

तो आ जाऊं मैं पास तुम्हारे ,

डर के इन्हीं बहानों में ,

तब कह देना दिल की बातें ,

चुपके से मेरे कानों में ।


आकर दो बातें करना मुझसे ,

होकर शामिल मेहमानों में ,

हाथ थामकर नजर मिलाना,

दिल रख देना नजरानों में ।


चाहता है #उलझना कौन यहां आज,

बेरहम दुनिया के सवालों में ,

ढूंढते है ऐसी चाहत की दुनिया ,

जो पले किसी  महफूज ठिकानों  में ।

                 ****दीपक कुमार भानरे****

5 टिप्‍पणियां:

  1. चाहता है #उलझना कौन यहां आज,

    बेरहम दुनिया के सवालों में ,

    ढूंढते है ऐसी चाहत की दुनिया ,

    जो पले किसी महफूज ठिकानों में । बहुत सुंदर रचना,

    जवाब देंहटाएं
  2. उत्तर
    1. आदरणीय पटेल मेम ,
      आपकी प्रशंसा युक्त बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद ।
      सादर ।

      हटाएं

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