शनिवार, 24 अगस्त 2024

लाऊं कहां से ऐसी #गली ?

लाऊं कहां से ऐसी #गली,

#गुजरे जिस पर तू अच्छी #भली ।


चाहे  न हो #रात ढली ,

या है कोई #सुनसान गली ,

मना न हो जहां जाना पगली ,

मिले न जहां #भेड़ियों की #बिरादरी ।


लाऊं कहां से ऐसी #कार्यस्थली,

ले सके थक कर जहां तू एक #झपकी ।


एकांत में भी जहां मिले #बेहतरी,

जहां #भरोसे को न लगे #हथकड़ी, 

मिले न कोई वहां #वहशी #जंगली ,

#बेरहमी से न जाये कभी #मसली ।


लाऊं कहां से मन में #तसल्ली ,

सामने नजरों के जब तक न मिली ।


घर से तू जब बाहर निकली ,

रहती मन में एक #बैचेनी 

रहती बहती #आशंका की #नदी,

लौट न आये जब तक भली भली ।


बताऊं तुझे मैं बात एक ही ,

अपनी #लड़ाई लड़ना है खुद ही ।


#हुंकार भर गर #कमर #कसली,

#ज्वाला बन,  बनी #अगनी,

#काली बन तू बनी #मर्दनी ,

कि #हिम्मत न हो किसी की कभी ।

16 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 26 अगस्त 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय सर, इस रचना को पांच लिंको के आनद में स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद । सादर ।

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. धन्यवाद सर, आपकी सुंदर प्रतिक्रिया देने हेतु ।

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. धन्यवाद मेम ,आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने हेतु ।

      हटाएं
  4. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद मेम, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने हेतु । आपको भी जन्माष्टमी की बहुत शुभकामनाएं ।

      हटाएं
  5. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद सर, आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने हेतु । आपको भी जन्माष्टमी की बहुत शुभकामनाएं ।

      हटाएं
  6. उत्तर
    1. धन्यवाद सर आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने हेतु । आपको भी जन्माष्टमी की बहुत शुभकामनाएं ।

      हटाएं
  7. बहुत कठिन है स्त्री को पूर्ण सुरक्षा देना !
    युग युग की यही कहानी है.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सही कहा मेम , आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने हेतु बहुत धन्यवाद ।

      हटाएं

Clickhere to comment in hindi