आसमान में आये बादल ,
काले काले श्यामल श्यामल ।
गरज रहे मस्ती में बादल ,
चमक रही बिजली भी कड़कड़ ।
गर्जना से जब होता कंपन ,
बढ़ा जाती है दिल की धड़कन ।
एक साथ जब बरसी बूंदे ,
चारों दिशा टिप टिप से गूंजे ।
कोई लगा हाथों से छूने ,
कोई भरता अंजुली में बूंदे ,
छपाक कर गड्डे में कूदे ,
तो भीग भीग कर मस्ती में झूमे ।
मिट्टी की भीनी खुशबू आई ,
धरती की जल से गोद भराई ।
गर्मी तो अब हुई पराई ,
ठंडी हवा बही सुखदाई ।
भर दिये प्रकृति का आंचल ,
आसमान से आये बादल ।