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शनिवार, 12 जून 2021

#आसमान में आये #बादल ।



आसमान में आये बादल , 

काले काले श्यामल श्यामल ।

गरज रहे मस्ती में बादल ,

चमक रही बिजली भी कड़कड़ ।

गर्जना से जब होता कंपन ,

बढ़ा जाती है दिल की धड़कन ।


एक साथ जब बरसी बूंदे , 

चारों दिशा टिप टिप से गूंजे ।

कोई लगा हाथों से छूने , 

कोई भरता अंजुली में  बूंदे ,

छपाक कर गड्डे में कूदे ,

तो भीग भीग कर मस्ती में झूमे ।


मिट्टी की भीनी खुशबू आई ,

धरती की जल से गोद भराई ।

गर्मी तो अब हुई पराई ,

ठंडी हवा बही सुखदाई ।


भर दिये प्रकृति का आंचल ,

आसमान से आये बादल ।

गुरुवार, 3 जून 2021

है कहते ये तो #ईश्वर की है #मर्जी ।



 है कहते  ये तो #ईश्वर की है #मर्जी ।

हैं बात बड़ी ये बेदर्दी  ,


जीवन अब तक साथ बिताये ,

सुख दुख में रहे एक दूजे के साये ,

सुखद भविष्य के कितने स्वप्न सजाये,

पर एक पल में दुनिया उजड़ दी । 


सांसों के वो खेल अजब थे ,

हम सब भी बहुत सजग थे ,

न दवा काम आई न दुआ ,

एक पल में सांसे उखड़ दी ।


उजाड़ कर जमीं का घर,

बसा दिया आसमां के ऊपर ,

जो अब न आएंगे लौटकर ,

ए ईश्वर कुछ तो करते रहम जी ।


कहते है इतना ही साथ लिखा था , 

इतना ही जीवन भाग्य बदा था ,

ईश्वर का सब ये खेल रचा था ,

इन बातों से बस मन की मिला भरम जी ।


ये बात बड़ी ये बेदर्दी  ,

है कहते  ये तो ईश्वर की है मर्जी ।

लो बीत गया एक और #साल !

# फुर्सत मिली न मुझे अपने ही काम से लो बीत  गया एक और # साल फिर मेरे # मकान से ।   सोचा था इस साल अरमानों की गलेगी दाल , जीवन...