दिनांक 16-02-09 का दैनिक भास्कर मैं प्रकाशित श्री विकास मिश्रा का लेख पढ़ा जिसमे जिसमे उन्होंने लिखा है कि " श्री जी डी अग्रवाल पिछले डेढ़ महीने से पवित्र गंगा को बचाने के उद्देश्य अनशन पर बैठे हैं । किंतु टी आर पि बढ़ाने वाली मसाला ख़बर न होने के कारण न तो इस ख़बर को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मैं और न ही प्रमुख समाचार पत्रों के मुख्या स्थान दिया गया है । बस दिल्ली के कुछ स्थानीय समाचार पत्रों मैं थोडी बहुत जगह दी गई है । जिसके कारण श्री जी डी अग्रवाल के इस भागीरथी प्रयास को देश के आम लोगों के बीच चर्चा का विषय नही बन पाया है ।
श्री जी डी अग्रवाल एक पर्यावरण विद है और गंगा नदी की दुर्दशा देखकर दुखित है गंगोत्री से लेकर उत्तरकाशी तक के १२५ कि मी कि दूरी के बीच गंगा जी का प्रवाह संकट के घेरे मैं आ गया है । क्योंकि यंहा टिहरी बाँध बना है । गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा तो दे दिया गया है लेकिन इसके प्रवाह को बचाने के लिए सरकार कुछ नही कह रही है । गंगा कि सफाई और सरक्षण को लेकर बहुत सारी योजनायें चल रही है किंतु सभी कागजों पर । इसमे भरपूर पैसों कि बंदरबांट हो रही है । श्री अग्रवाल के साथ वाराणसी कि गंगा महासभा भी है । सरकार ने श्री अग्रवाल को इस बात का आश्वाशन तो दिया किंतु जिन बांधों के कारण गंगा संकट मैं आ गई है उनका क्या किया जाए । "
कंही श्री जी डी अग्रवाल के इस अनशन का भी वाही अंजाम न हो जाए जो सामान्य तौर इस तरह के अन्य अनशनओं का होता है । अतः जरूरी है कि गंगा नदी जो कि अब राष्ट्रीय नदी भी घोषित कर दी गई है को बचाने के इस भागीरथी प्रयास को जन जन तक पहुचाने का भागीरथी प्रयास हमारे द्वारा भी किया जाए ताकि उनके इस आन्दोलन से अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें और उनके इस प्रयास को ज्यादा से ज्यादा लोगों का समर्थन मिले । चारों पीठों के शंकराचार्यों ने भी श्री अग्रवाल के प्रयास मैं अपने स्वर मिलाये हैं । साथ ही श्री अग्रवाल समर्थन मैं भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान के पूर्व छात्रों के संगठन आई आई तियन फॉर होली गंगा द्वारा आयोजित संगोष्ठी मैं पर्यावरण विद और मेगेसस पुरुष्कार विजेता श्री राजेन्द्र सिंह ने भी कहा कि गंगोत्री से उत्तरकाशी तक भागीरथी का नैसर्गिक प्रवाह बनाए रखना चाहिए । जीवनदायी गंगा के संवर्धन और सरक्षण के लिए गंभीर हो इस मुहीम को समाज से जोड़ने कि बनायी जानी चाहिए ।
हम भी श्री अग्रवाल के इस भागीरथी प्रयास के सहभागी बन सके इस हेतु से से प्रयास का अपने ब्लॉग और अपने माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें ताकि उनके इस प्रयास मैं अधिक से अधिक जनसमर्थन जुटा कर उन्हें संबल और बल प्रदान करें ताकि उनका यह भागीरथी प्रयास जरूर सफल हो सके ।