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मैं #रचनाओं को अपनी,
एक #तमाशा बनाता हूं ।
मचलती हुई मीडिया की,
दरों दीवार पर चिपकाता हूं।
कभी लिखकर यूं ही ,
एक #ब्लॉग बनाता हूं ,
तो कभी गाकर इनको ,
#पॉडकास्ट में सुनाता हूं ।
शेयर कर देता हूं कई बार ,
दोस्तों के वाट्स अप ग्रुप में,
तो कभी फेसबुक को भी ,
प्रदर्शन का ठिकाना बनाता हूं
डाल देता हूं बनाकर वीडियो
यूट्यूब के अपने चैनल में ,
तो ट्विटर, इंस्टा और कू भी ,
कई बार आजमाता हूं ।
वो तो भला हो सभी ,
ब्लॉग चर्चा मंचों का ,
जिसमें रचनाओं के लिये अपनी ,
एक स्थान पाता हूं ।
मैं #रचनाओं को अपनी,
एक #तमाशा बनाता हूं ।
मचलती हुई #मीडिया की,
दरों दीवार पर चिपकाता हूं।