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रविवार, 29 जनवरी 2023

अभी रखें #दिल को जरा #सुकून से ।

 


हजारों काम है #जमाने में ,
इस एक #चाहत के सिवा ,
बचना जरा ऐसे #जुनून से,
अभी रखें #दिल को जरा #सुकून से । 
 
लेना नहीं है चाहत का कोई रोग ,
मिलना नहीं किसी से रोज रोज ,
अभी खेलना नहीं ऐसे #नाखून से ,
अभी रखें दिल को जरा सुकून से । 
 
अभी साधने है कई लक्ष्य ,
ज़िम्मेदारी के निभाने है कई चक्र ,
लिखनी कई #इबारत पसीने और खून से ,
अभी रखें दिल को जरा सुकून से । 
 
तय वक्त पर करना है हर काम ,
ताकि सबको मिले एक अंजाम ,
अभी चलना है एक कानून से ,
अभी रखें दिल को जरा सुकून से । 
 
हजारों बेकाम हो गये जमाने में ,
खुद को इस चाहत पर मिटा ,
करें रहम इस दिले मासूम से,
अभी रखें दिल को जरा सुकून से ।
                         ****”दीप”क कुमार भानरे ****

बुधवार, 18 जनवरी 2023

जिससे हो जाये दिल को राहत !

 


ऐसा क्या कर जाऊं मैं ,

जो तेरी नजर को भाऊं मैं,

तू ही बता तेरी क्या #चाहत ,

जिससे हो जाये दिल को #राहत ।


जब से दी है तूने दस्तक ,

सोचता हूं तुझे ही जब तक ,

कब मिल जाये तेरी एक झलक ,

जिससे मिल जाये दिल को राहत । 


जब तुमने मुझसे नजर मिलाया ,

मुझको यह #अहसास दिलाया ,

मेरी भी है एक #अहमियत ,

जिससे मिली है दिल को राहत ।


खुद से खुद ने कर ली #बगाबत ,

मैं जो था वह रहा न मैं अब ,

बदल गई अब मेरी #शख्सियत ,

इससे मिली क्या दिल को राहत ।


जो तुम्हे पसंद वो दुनिया रची ,

अब न और कोई  कसर बची ,

और भला क्या बदलूं आदत ,

जिससे हो जाये दिल को राहत।

                  *** "दीप"क कुमार भानरे***


शनिवार, 7 जनवरी 2023

रहो यूं #मशरूफ इतना !


रहो यूं #मशरूफ इतना ,

जश्न के #मयखाने में ,

कि जलती रहे लौ खुशी की ,

दिल के #दीपखाने में ।


कुछ तो जाम लिया करो ,

दिल को जरा बहलाने में ,

गर पैमाने छलक भी जाये,

तो वक्त लो होश आने में ।


गर बहक गए कदम  ,

यारों को आजमाने में,

तो गुजार देंगें जिंदगी तमाम,

भरते हुये हरजाने में ।


रोको न खुद को कभी ,

जश्न को मनाने में ,

गर पल कोई खुशी का हो,

तो हर्ज क्या है लुत्फ  उठाने में ।


न मिले गम को तबज्जो ,

दिल के गरीबखाने में,

रहो यूं मशरूफ इतना,

जश्न के मयखाने में ।

              --- "दीप"क कुमार भानरे ---

लो बीत गया एक और #साल !

# फुर्सत मिली न मुझे अपने ही काम से लो बीत  गया एक और # साल फिर मेरे # मकान से ।   सोचा था इस साल अरमानों की गलेगी दाल , जीवन...