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शनिवार, 27 नवंबर 2021

देखना एक दिन #पछताओगे ।


यूं  न #उलझा करो मुझसे एक दिन पछताओगे ।

देखना किसी दिन #दिल अपना मेरे हवाले कर जाओगे ।


ढूंढते हो मुझसे बार बार मिलने के बहाने ,

बनाते हो गलियों को मेरी अपने ठिकाने ,

देखना इन्हीं ठिकानों पर दिल अपना अटका पाओगे ।


मिलाते हो नज़रें मुझसे कितने दफा न जाने ,

आते ही करीब मेरे बार बार मदद के बहाने ,

देखना इन्हीं दफाओं में खुद को उलझा पाओगे ।


करते रहते हो तारीफ मेरी यूं ही मुझे  रिझाने ,

लाते हो बार बार नजराने मेरी मुस्कुराहटें पाने ,

देखना इन सुकुनों में खुद को बे सुकून पाओगे ।


लड़ जाते हो किसी से भी बिना कोई बात जाने,

आ जाते हो कभी भी मेरी जिम्मेदारियां उठाने ,

देखना किसी दिन खुद मेरी जिम्मेदारी बन जाओगे ।


ये दिल भी लगा है अब तो तुम्हारे ख्वाब सजाने,

ढूंढने लगे है अब तो  मिलने के बहाने ,

ये बताओ दिल दीप अपना कब मेरे नाम कर जाओगे ।


यूं  न उलझा करो मुझसे एक दिन पछताओगे ।

देखना किसी दिन दिल अपना मेरे हवाले कर जाओगे ।

रविवार, 21 नवंबर 2021

मेरा हुनर मुझे सीढ़ियों से गिरने नहीं देता !



मेरा हुनर मुझे सीढ़ियों से गिरने नहीं देता । 

परेशानियां के बाज़ार में उतरने नहीं देता ।

माना कि लाख चुनौतियां है जीवन में ,

फिर भी मुझे टूटकर बिखरने नहीं देता ।


आया है कुछ हुनर अपनों संग हाथ बटा कर ,

तो पाया है बहुत कुछ  हुनरमंद को गुरु बनाकर ,

जो मिला उसको कई दफा आजमाया है ,

अब तो सामने मेरे नाकामियों को संवरने नहीं देता ।

मेरा हुनर मुझे..…......


पाया है साजो सामान जीने का अपने दम पर ,

हुई है आसान हर  राहें रुकावटें को कम कर ,

आती नहीं नौबत हाथ फैलाने की जीवन में ,

अब तो नज़रों में दूसरों की खुद को उतरने नहीं देता । 

मेरा हुनर मुझे..….....


कुछ इस तरह से हुनर ने परिपक्व बनाया है ,

अब तो हर मुसीबतों को हौसलों ने हराया है ,

चाहे आ जाये कितनी ही  रुकावटें दीप जीवन में ,

पर जीवन की रफ्तार को जरा भी ठहरने नहीं देता । 

मेरा हुनर मुझे..…......


मेरा हुनर मुझे सीढ़ियों से गिरने नहीं देता । 

परेशानियां के बाज़ार में उतरने नहीं देता ।

माना कि लाख चुनौतियां है जीवन में ,

फिर भी मुझे टूटकर बिखरने नहीं देता ।

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सुनने के लिए (पॉडकास्ट)

https://anchor.fm/deepak-kumar-bhanre2/episodes/ep-e1ajvsv

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