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शनिवार, 29 मार्च 2025

बड़ा ही #विशेष था #शुभ #मुहूर्त (#muhurt) ।

बड़ा ही विशेष था शुभ मुहूर्त

कि जुड़ा था ये मन उनसे अटूट ।

 

धरा में थी हल्की भोर की धूप

और बयार थे शीतलता से अभिभूत ।

 

करती निनाद मंदिर की घंटियाँ

ईश्वर कृपा के मन से हो  वशीभूत

अर्चना और प्रार्थना के उच्चारण से

बने थे  होंठ ईश्वर के  देवदूत ।

 

श्रद्धा और सुकून की दौलत

समेटने को बिखरी थी अकूत ।

 

बागों में छेड़ रही थी तान  

मधुर कोयल की कूक

और मची हुयी थी मधुमाखियाँ में

पराग कण को पीने की लूट ।

 

भँवरे और तितलियाँ के दल  

मंडरा रहे थे फूलों पर खूब ।

 

जब रात से मिलने सूरज   

आसमां में रहा था डूब

अपने अपने घरों की और

पंछी भी कर रहे थे कूच ।

 

पाकर चाँद तारों का  सानिध्य

आसमां भी पा लिये थे नये रूप ।

 

बड़ा ही विशेष था शुभ मुहूर्त

कि जुड़ा था ये मन उनसे अटूट ।

                                *** "दीप"क कुमार भानरे *** 

गुरुवार, 13 मार्च 2025

#होली में कुछ #चुहलबंदी ।

है उत्सव और आनंद
खुशियों के उड़ते रंग 
छाई है #होली की मस्तियां
क्योंकि ऋतु है #बसंत।

कपड़े पुराने ढूंढ रहे 
आलमारी पूरी बिखराए 
जिसको देखो वही लगे 
जैसे नए नए सिलवाए । 

#गुटका दबा दबाए के 
ऐसा मुंह लिया पिचकाए 
खाने एक कौर को 
मुंह भी न खुल पाए । 

#छपरी लोग कह रहे 
होली छपरी का खेल 
पर खुद की छपरी न झांक रहे
जिसमें क्या क्या हुए है खेल ।

22 # पंडे साधु संग 
उतरे 11 भारत वीर 
#पाकी तभी तो हार गए 
कह गए पाकी टेली वीर । 

पानी बचाने होली में 
ज्ञान वो रहे पेल 
जो अपनी चीज धोने में 
ढेरों पानी रहे उड़ेल । 

होली की ढेरों शुभकामनाएं एवं बधाइयां ।

रविवार, 2 मार्च 2025

#खता किस किस की मैं याद रखूं !

 

#खता किस किस की
मैं कब तक याद रखूं
पता #खुशियों का
मैं कब तक #नजरअंदाज रखूं ।

दिल में रश्क की
मैं कब तक #आग रखूं
खुशियों को अपने से
मैं कब तक #नाराज रखूं।


छोटी सी जिंदगी है
है बहुत खूबसूरत
पर समेटने खुशियां
मिला है बहुत ही कम वक्त
हसरतों को अपने दिल में
यूं उड़ने को आजाद रखूं ।

चलो भूल जाते हैं
अब उन खताओं को
जो ला न सकी
बड़ी #आपदाओं को
खुशियों के दरवाजे में
ऐसे #ताला कब तक #आबाद रखूं ।

#खता किस किस की
मैं कब तक याद रखूं
पता #खुशियों का
मैं कब तक #नजरअंदाज रखूं ।

दिल में रश्क की
मैं कब तक #आग रखूं
खुशियों को अपने से
मैं कब तक #नाराज रखूं।
                  ***दीपक कुमार भानरे **

पूछ रही है #महफिलें ।

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