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शनिवार, 24 अगस्त 2024

लाऊं कहां से ऐसी #गली ?

लाऊं कहां से ऐसी #गली,

#गुजरे जिस पर तू अच्छी #भली ।


चाहे  न हो #रात ढली ,

या है कोई #सुनसान गली ,

मना न हो जहां जाना पगली ,

मिले न जहां #भेड़ियों की #बिरादरी ।


लाऊं कहां से ऐसी #कार्यस्थली,

ले सके थक कर जहां तू एक #झपकी ।


एकांत में भी जहां मिले #बेहतरी,

जहां #भरोसे को न लगे #हथकड़ी, 

मिले न कोई वहां #वहशी #जंगली ,

#बेरहमी से न जाये कभी #मसली ।


लाऊं कहां से मन में #तसल्ली ,

सामने नजरों के जब तक न मिली ।


घर से तू जब बाहर निकली ,

रहती मन में एक #बैचेनी 

रहती बहती #आशंका की #नदी,

लौट न आये जब तक भली भली ।


बताऊं तुझे मैं बात एक ही ,

अपनी #लड़ाई लड़ना है खुद ही ।


#हुंकार भर गर #कमर #कसली,

#ज्वाला बन,  बनी #अगनी,

#काली बन तू बनी #मर्दनी ,

कि #हिम्मत न हो किसी की कभी ।

बुधवार, 14 अगस्त 2024

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।


उड़ने को आसमां का

फैला है फलक,

कदम आगे बढ़ाने को,

धरा है विस्तृत ,

बढ़ते हुये हौसलें है,

और मुश्किल है पस्त।

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।


गंगा विकास की 

रही है छलक ,

तकनीक से तरक्की 

पा रही है रौनक ,

चांद सूरज में भी कदम

रख चुके हैं अब ,

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।


प्रचुर धन धान्य से ,

ये धरा है समृद्ध ,

बढ़ते भविष्य के लिये

है हुनर और सबक ,

आन बान और शान देश की

रही  है चमक ,

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।

🌷शुभ स्वतंत्रता दिवस , शुभ 15 अगस्त ।।🌷

लो बीत गया एक और #साल !

# फुर्सत मिली न मुझे अपने ही काम से लो बीत  गया एक और # साल फिर मेरे # मकान से ।   सोचा था इस साल अरमानों की गलेगी दाल , जीवन...