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शनिवार, 25 जून 2022

चाहे #महाभारत हो या #रामायण ।

 


जब स्वार्थ का बादल हो घनघोर ,

जब अपने ही साथ रहे हो छोड़ ,

तब अपना अधिकार पाने के लिए ,

धर्म और कर्तव्य निभाने के लिए ,

भगवान को भी करना पड़ा पलायन ,

चाहे #महाभारत हो या #रामायण ।


सबको होता है दुख और रंज ,

चाहे वो राजा हो या रंक ,

पर अपना वचन निभाने के लिए ,

बड़ों की आज्ञा सर सजाने के लिए ,

भगवान भी भटके हैं वन वन ,

चाहे महाभारत हो या रामायण ।


सबको होता है अपने से मोह ,

कोई न चाहे अपनों से बिछोह ,

वैभव और ऐश्वर्य पाने के लिए ,

महत्वकांछा को फलीभूत कराने के लिए ,

अधर्म और असत्य से करते सृजन,

चाहे महाभारत हो या रामायण । 


जब अत्याचार बढ़ जाए सघन ,

धर्म और न्याय का फूलने लगे दम ,

अत्याचारी को सबक सिखाने के लिए ,

विधर्मियों को सजा दिलाने के लिए ,

भगवान को भी करना पड़ा रण ,

चाहे महाभारत हो या रामायण । 

बुधवार, 15 जून 2022

थाम लिया है तेरा ही #दामन !

इमेज गूगल साभार


थाम लिया है तेरा ही #दामन ,

छोड़कर अपनी गलियां घर आंगन ।

अब  न पतझड़ न कोई सावन ,

हर वक्त है तेरी चाहत का मौसम ।


तू ही है अब मेरी तमन्ना ,

तुझे सोचकर हर आहें भरना ,

तेरे जिक्र से दिल का मचलना ,

मेरी हर सांसें है तुझको ही समर्पण ।


रात दिन का अब अहसास नहीं ,

तेरी यादों के सिवा कुछ पास नहीं ,

भूल जाऊं तुम्हें ऐसे कोई कयास नहीं ,

चाहे हो जाये अब सबकुछ अर्पण ।


न तुझे पता न मुझे मालूम ,

कैसे चढ़ा ये चाहत का जुनून ,

मुझे तो बस है इतना सुकून ,

कि एक ही है दो दिलों की धड़कन । 


थाम लिया है तेरा ही #दामन ,

छोड़कर अपनी गलियां घर आंगन ।

अब  न पतझड़ न कोई सावन ,

हर वक्त है तेरी चाहत का मौसम ।

गुरुवार, 9 जून 2022

#इरादा समंदर सा गहरा है ।

इमेज गूगल साभार


 #समन्दर तो गहरा है ,

पर #साहिल का पहरा है ।

पर न वो मायूस है ,

और न गमों के तूफानों ने घेरा है ।

हवाओं के मन्द झोकों से ,

झूमकर मस्ती में लहरा है ।


#नदियां तो बहती है ,

हर बाधायें सहती है ।

पर न रोके से रुकी है , 

न जंगल पहाड़ में अटकी ।

समन्दर से जा मिलने का ,

मन में इरादा जो ठहरा है ।


ये #दुनिया तो चलती है ,

कभी न रुकती है ।

न ही मुसीबतों के छलकते पैमाने से , 

और न ही किसी के आने जाने से ।

नदियों सा बहते जाने का,

इरादा समंदर सा गहरा  है । 

बुधवार, 1 जून 2022

आप तो बड़े #माहिर हो !

इमेज गूगल साभार


आप तो बड़े #माहिर हो ,

#दिल चुराने में ।

बातों ही बातों में ,

अपना बनाने में ।


कभी आंखों से आंखों में ,

करके बातें ।

कभी मुस्कान पर मेरी ,

ग़ज़ल बनाकर ।

दिलों की महफ़िल सजाने में ।.......


प्रोफाइल पिक पर ,

तारीफों के कमेंट लगाकर ।

वाट्सअप चेट को सुबहों  शाम ,

सुन्दर शब्दों से सजाकर ।

सोशल मीडिया से लुभाने में ।.........


हमदर्दी के दो बोल से,

दर्दे गम घटाकर ।

हौसले भरे शब्दों से ,

लडने का हुनर सिखाकर ।

जीवन को नये रंग से सजाने में ।............


आप तो बड़े माहिर हो ,

दिल चुराने में ।

बातों ही बातों में ,

अपना बनाने में ।

लो बीत गया एक और #साल !

# फुर्सत मिली न मुझे अपने ही काम से लो बीत  गया एक और # साल फिर मेरे # मकान से ।   सोचा था इस साल अरमानों की गलेगी दाल , जीवन...