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शनिवार, 21 दिसंबर 2024

लो बीत गया एक और #साल !


#फुर्सत मिली न मुझे

अपने ही काम से

लो बीत  गया एक और #साल

फिर मेरे #मकान से ।

 

सोचा था इस साल

अरमानों की गलेगी दाल ,

जीवन के ग्रह  #नक्षत्रों की

हो जायेगी  अच्छी  चाल

पर चलती रही जिदंगी इस साल भी

पुराने ही #इंतजाम से ।

 

बहलाता रहा मन को

कुछ #सपनों की शाम से

लो बीत गया एक और साल

फिर मेरे मकान से ।

 

कुछ #तालमेल कुछ #जुगाड़

कभी उत्साह तो कभी थक हार

गर न बना काम तो

ज़िम्मेदारी भाग्य पर डाल

मन में न रख कुछ #मलाल

खेल ली ज़िंदगी

कुछ ऐसी ही समान से ।

 

फुर्सत मिली न मुझे

अपने ही काम से

लो बीत  गया एक और साल

फिर मेरे मकान से । 

सोमवार, 9 दिसंबर 2024

उफ्फ ये #ठंड की सौगात ।

#किटकिटाते दांत है
कपकपाते हाथ
भाप निकलती मुख से
जब करते है बात

उफ्फ ये #ठंड की सौगात ।
हथेलियों को रगड़
कभी गालों में स्पर्श
तो कभी कानों को पकड़
कोशिश है तोड़ने की
ठंड की अकड़
उफ्फ ये ठंड की जकड़ ।


मोटे गरम कपड़े
पहन बिछौना पर पसरे
गरम काफी और चाय
कई दफा हलक से उतरे
घर में जला अलाव
ठंड ज्यादा न अखरे
उफ्फ ये ठंड के नखरे ।

थोड़ी सर्दी थोड़ा जुकाम
थोड़ा गला नाक जाम
कभी विक्स कभी बाम
तो गुड का काढ़ा का जाम
पीकर जल्दी करते आराम
उफ्फ ये ठंड पर लगे लगाम ।


सुबह देर जल्दी शाम
देर से आता है घाम
ठिठुरते ठिठुरते लोग यहां
अब करते है अपना काम
और न जाने कब
दिन हो जाता तमाम
उफ्फ ये ठंड का तामझाम ।

सोमवार, 25 नवंबर 2024

#बच्चों की #पलटन !

हुआ #सबेरा
छोड़ बिस्तर का डेरा
#बच्चों की #पलटन ने
आंगन में डाला डेरा ।

कभी तेरा कभी मेरा
तो कभी आंखों को तरेरा
हो हल्ला और बखेड़ा
करते छुटकू और शेरा ।

पल में सुलह कर जाता
कुछ पल का खेला
टोली में उनकी दिखता नहीं
कि था पहले कोई झमेला ।

बुरा किसी से मानते नहीं
चाहे डांटो का कितना हो थपेड़ा
मन निष्कलंक और न सोच तंग
न रखते दुख का घेरा ।

हुई शाम "दीप"
समेट  मस्ती का डेरा
#बच्चों की #पलटन अब
लौट आई अपने अपने #बसेरा ।
                     दीपक कुमार भानरे

रविवार, 20 अक्टूबर 2024

एक दूजे के लिये #चांद से !

Image Google saabhar.

एक दूजे के लिये #चांद से

यह दुआ है ता उम्र ,

हो पल पल सुकून का

और हर पल शुभ #शगुन ।


हो न कोई गलतफहमी

न कोई उलझन,

शांत नदी के नीर सा

बहता रहे जीवन ।


न कोई सीमा हो 

न कोई आंकलन ,

स्नेह की एक डोर से 

बंधा रहे शुभ मन ।


हाथों में हो हाथ 

मिले कदम से कदम,

जीवन के हर हाल में 

रहे समन्वय और संयम ।


एक दूजे के लिये चांद से

यह दुआ है ता उम्र ,

हो पल पल सुकून का

और हर पल शुभ शगुन ।


🌷🙏सभी सौभाग्यशाली युगल को 

#करवाचौथ की बहुत 

शुभकामनाएं एवं बधाइयां ।🙏🌷



शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024

गर #लक्ष्य का कर ले #शिकार !

गर #लक्ष्य का 

कर ले #शिकार

बिन #आलस्य 

बिन हिम्मत हार 

आया वो जब

अपने द्वार ।


गर रहा बेअसर

पहला ही वार

बढ़ जाती है

#प्रतिद्वंदियों  की कतार

होती #परीक्षा 

जब हर अगली बार ।


कभी तो जुड़ते 

#माफियाओं के तार

#बेईमान दफा कई

लेते बाजी मार

मेहनत कर कर

मरे #ईमानदार ।


वक्त पर गर 

हो जाये कार्य 

न हो व्यवस्थायें 

तार तार 

तो लक्ष्य और सपने

हो सब साकार ।

शनिवार, 7 सितंबर 2024

जय जय श्री #गणेश !


जय जय श्री #गणेश ,

करें प्रभु गृह प्रवेश,

सुख #समृद्धि से जीवन भरो

मिटाओ सारे #कलेश ।


जय जय श्री गणेश ,

सूत श्री गौरी गणेश,

रिद्धि सिद्धि संग पधारकर,

दो शुभ लाभ संकेत ।


जय जय श्री गणेश ,

पूजन में #प्रथमेश,

नाम जो लेकर शुरू करें,

हो काज "दीप" सब श्रेष्ठ ।


जय जय श्री गणेश,

कृपा सिंधु परमेश,

शरण में है हम सब आपकी,

बरसाओ सदा कृपा मेघ।


💐🙏श्री गणेश चतुर्थी की अनंत शुभकामनाएं । 💐🙏

सोमवार, 2 सितंबर 2024

बनकर #कौशल वीर , बदले अपनी #तकदीर ।



बनकर #कौशल वीर ,

बदले अपनी #तकदीर ।


करने रोजगार की पढ़ाई,

तकनीकी शिक्षा से रिश्ता जोड़े भाई ,

तकनीक ज्ञान और कौशल पाकर,

बदले  ज्ञान की तासीर ।


औजार उपकरण चलाना सीखें ,

कल पुर्जों को बनाना सीखें ,

मशीनों को बार बार चलाकर ,

बने निपुण और कुशल "दीप" प्रवीर ।


हो जायेंगे आत्मनिर्भर ,

स्व रोजगार की ओर होंगे अग्रसर,

रोजगार के भी सजेंगे अवसर ,

बन जायेंगे अपने भाग्य वजीर ।


बनकर कौशल वीर ,

बदले अपनी तकदीर ।

शनिवार, 24 अगस्त 2024

लाऊं कहां से ऐसी #गली ?

लाऊं कहां से ऐसी #गली,

#गुजरे जिस पर तू अच्छी #भली ।


चाहे  न हो #रात ढली ,

या है कोई #सुनसान गली ,

मना न हो जहां जाना पगली ,

मिले न जहां #भेड़ियों की #बिरादरी ।


लाऊं कहां से ऐसी #कार्यस्थली,

ले सके थक कर जहां तू एक #झपकी ।


एकांत में भी जहां मिले #बेहतरी,

जहां #भरोसे को न लगे #हथकड़ी, 

मिले न कोई वहां #वहशी #जंगली ,

#बेरहमी से न जाये कभी #मसली ।


लाऊं कहां से मन में #तसल्ली ,

सामने नजरों के जब तक न मिली ।


घर से तू जब बाहर निकली ,

रहती मन में एक #बैचेनी 

रहती बहती #आशंका की #नदी,

लौट न आये जब तक भली भली ।


बताऊं तुझे मैं बात एक ही ,

अपनी #लड़ाई लड़ना है खुद ही ।


#हुंकार भर गर #कमर #कसली,

#ज्वाला बन,  बनी #अगनी,

#काली बन तू बनी #मर्दनी ,

कि #हिम्मत न हो किसी की कभी ।

बुधवार, 14 अगस्त 2024

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।


उड़ने को आसमां का

फैला है फलक,

कदम आगे बढ़ाने को,

धरा है विस्तृत ,

बढ़ते हुये हौसलें है,

और मुश्किल है पस्त।

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।


गंगा विकास की 

रही है छलक ,

तकनीक से तरक्की 

पा रही है रौनक ,

चांद सूरज में भी कदम

रख चुके हैं अब ,

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।


प्रचुर धन धान्य से ,

ये धरा है समृद्ध ,

बढ़ते भविष्य के लिये

है हुनर और सबक ,

आन बान और शान देश की

रही  है चमक ,

क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।

🌷शुभ स्वतंत्रता दिवस , शुभ 15 अगस्त ।।🌷

रविवार, 14 जुलाई 2024

कैसे #कह दूं कि ?

Image गूगल साभार

कैसे #कह दूं कि

तुम #चले जाओ।


भरता नहीं मन,

कुछ पल की बातों में,

पास बैठे रहो यूं ही,

पल पल दिन रातों में 

मिले इन पलों को

अब यूं न ग़वाओ।

कैसे कह दूं कि 

तुम चले जाओ।


#बारिश होगी 

कही भीग न जाओ,

#पानी में न कहीं 

तुम #आग लगाओ,

फिक्र में तुम्हारी

अब और न #उलझाओ।

कैसे कह दूं कि 

तुम चले जाओ।


#परवाह नहीं मुझे 

जमाने के तानों की 

मन को तो भाये 

संग तेरे सैर बागानों की

जमाने की बातों को

अब क्यूं दे हम भाव।

कैसे कह दूं कि 

तुम चले जाओ।


रविवार, 30 जून 2024

#अनजानी राहों की , क्यों छानते हो खाक !

 

#अनजानी राहों की ,
क्यों छानते हो खाक,
बहुत कुछ मौजूद है,
जाना पहचाना आसपास।

अपने अंदर जरा तो,
एक बार तो झांक ,
मिल जायेगा खुद में,
जो अपने अंदर है खास।

धार देकर जरा उसको ,
कुछ #खासियत से नवाज,
बनाओ फिर जीने का,
एक अलग ही अंदाज ।

#मुश्किल होगी जब सामने,
तो खा जायेगी मात ,
बढ़ते रहेंगे राहों में ,
और #मंजिल होगी पास ।


 

बुधवार, 5 जून 2024

अब न करेंगे हम #प्रकृति को तंग,


मुरझा गई पेड़ों की पत्ती,

दिखते नहीं आंगन में पक्षी,

बूंद बूंद पानी को तरसती ,

पशु पक्षी इंसानों की बस्ती ।


कंकाल बना देह नदी का ,

चटक गया सीना धरती का,

पत्थर पहाड़ तपे भट्टी सा ,

जैसे स्नान किये सब अग्नि का ।


चलता हल धरती को चीर ,

चुभती गर्मी तन बहता नीर ,

घर में बैठी दुबक के भीड़ ,

बाहर खेला करते श्रमवीर ।


आसमां को अब तकते नयन ,

सूर्य देवता समेटो गर्मी प्रचंड,

अब न करेंगे हम प्रकृति को तंग,

सहेजेंगे सवारेंगे प्रकृति कण कण ।


#पर्यावरण दिवस 05 जून, एक पेड़ लगाएं वेरी सून ।


बुधवार, 22 मई 2024

माथे पर #पसीना !

 


माथे पर #पसीना,

तन नमी से परेशान है,

हाय ये बेरहम #गर्मी ,

#बेचैनी का बड़ा उफान है ।


पंखे और कूलर का,

घर घर अब घमासान है,

ढूंढ ढूंढ कर पेड़ों को छाया,

बैठे पशु पक्षी इंसान है ।


नदियां झरने तलाब सूखे ,

पानी सारा तमाम है ,

बूंद बूंद पानी बना अब,

बोतल बंद सामान है ।


पेड़ लगाना पानी बचाना,

अब सबका अरमान है ,

देखते है कब तक यह जज्बा ,

चढ़ा रहता परवान है ।

सोमवार, 13 मई 2024

#सरपट दौड़े जिंदगी !

 


#सरपट दौड़े जिंदगी,

कोई न हो परेशान,

है #ईश्वर इस संसार में,

दे सबको यह #वरदान ।


फिसले न कोई राहों में,

चाहे गति कितनी असमान ,

अच्छे भले सब घर पहुंचे ,

बिना कोई #नुकसान ।


काम चाहे कोई करे ,

पहुंचे एक परिणाम ,

कमी वैसी कुछ भी न रहे,

संसाधन जुटे सब आसान ।


रोज रोज रोजगार चले,

रोज रोज बढ़े काम ,

दाल रोटी सबकी चलती रहे,

सब घर हो धन धान्य । 


स्वस्थ मन निरोगी काया ,

सुखी हो सब ईश्वर संतान,

प्रभु तो बड़े दयालु है ,

वे करते सबका कल्याण ।

मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

#आंगन की छत है !

 


#आंगन की छत है ,

#रस्सी की एक डोर,

बांध रखी है उसे ,

किसी कौने की ओर।


#नारियल की #नट्टी बंधी

और एक पात्र #चौकोर ,

एक में भरा पानी ,

एक में #दाना दिया छोड़ ।


कभी भरी #दोपहरी,

तो कभी सांझ या भोर,

चलता है नन्हे मेहमानों का,

#अठखेलियों का दौर ।


कभी मुंह में पानी ,

तो कभी अनाज का कोर,

#चहचहाते हुये सब ,

मचाते है शोर ।


कोमल सा मन है ,

तन भी न कठोर ,

#फुर्र से उड़ जाते हैं,

जब कोई आता उनकी ओर।


आते रहे ऐसे ही ,

नन्हे #मेहमान बतौर,

आओ बांध ले संग,

एक #रिश्ते की डोर ।

रविवार, 31 मार्च 2024

बहती नदी मध्य एक #पत्थर !


ढूंढते हैं #पेड़ों की छांव ,

पंछी , #नदियां और तालाब

ठंडी ठंडी हवा का बहाव ,

आसमां का जहां #धरती पर झुकाव ।


बहती नदी मध्य एक #पत्थर ,

बैठ गया थक कर उस पर ,

सुकून हुआ और बेहतर 

जब मछलियां गुजरी पैरों को छूकर ।


ऊपर नीला सा आसमां ,

चित्र उकेरे जिस पर घटा,

बाल मन सा अंदाज लगा ,

देख रहे आकृति फला फला ।


फूलों पर रंगों का पहरा,

खुशबू भी लुभा रही भंवरा,

बैठा था मैं कुछ ऐसी  जगह

जहां  मिलने आती थी शीतल  हवा ।

शनिवार, 23 मार्च 2024

नील लगे न पिचकरी, #रंग चोखा आये ,

 


नील लगे न #पिचकरी, #रंग चोखा आये ,

कीचड का गड्डा देखकर , उसमें दियो डुबाये .

 

ऊंट पर टांग धरन की , फितरत में श्रीमान ,

मुंह के बल गिर गये , कटा बैठे नाक और जुबान .

 

अच्छी रील के  फेर  में , रियल  बनाये मजाक ,

बनाबटी  काम सब कर  रहे , छोड़ कर असली काज .    

 

बुरा न मानो बोल के , होली की हुडदंगी जात ,

तोड़फोड़ और गालियाँ  से , मन की निकाले भड़ास .

 

लोढ़त पोढ़त  दिन गयो , गयो न मदहोशी का फेर .

मधु मुन्नका मिठाई संग , ज्यों  सेवन किये रहे ढेर .


होली मनाये की खुशी में, नशा इतना लिया चढ़ा ,

रंग में भंग पड़ाये के , खुशियां की होली लिया जला .


होली की ढेरों ढेर शुभकामनायें एवं बधाइयाँ . 

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

#नारी शक्ति अनंत अथाह ।


मन के अंदर कितने हो घाव,

फिर भी रखे कोमल स्वभाव,

मुश्किल में हो कितनी जीवन नाव,

फिर भी डिगे न इन के  पांव ।


#ममता के #आंचल की छांव ,

सुरक्षा और #आश्रय का भाव ,

चाहे कितना हो आभाव ,

#अन्नपूर्णा बन करती पुराव ।


चलाती उंगली पकड़ पांव पांव,

जुबां को देती शब्द और सुझाव,

शिशु को देती रुचि और चाव,

ताकि उचित हो पोषण और बढ़ाव।


बल व शक्ति रूपेण #दुर्गा ,

समझ व ज्ञान रूपी #शारदा ,

स्नेह का अविरल निश्चल प्रवाह ,

प्रज्ञा, प्रीति , प्रथा, प्रतिभा ,

#नारी शक्ति अनंत अथाह ।


#महिला दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं । 

रविवार, 3 मार्च 2024

जुदा है वो हर #अदा से !


जुदा है उसकी #आंखें ,

नीली नीली सी आंखें ,

गीली गीली सी आंखें ,

निकली जैसे समंदर में नहाके ।


जुदा है उसकी #बातें ,

कहती सब अंदाजे बयां से,

फूलों से लफ्ज़ जुबापे,

निकले जैसे शहद में भिगाके ।


जुदा है उसकी #सांसें ,

जब कभी वो पास आते ,

एक तूफान सा उठाके ,

रह जाते सांसों में समाके ।


जुदा है वो हर #अदा से ,

मुस्कान चेहरे पर सदा से,

चुके न कोई कायदा से ,

रहती वो बस रस्मों वफा से ।

शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024

जब #आग लगी हो #सीने में !

इमेज गूगल साभार

#आराम कहां है जीने में ,

जब #आग लगी हो #सीने में ।


धधकती है #ज्वाला अंदर ,

लेकर #हौसलों का #समंदर ,

हार न माने तब तक ,

कतरा कतरा #खून का ,

बह न जाये #पसीने में ।


पर्वत क्या, पहाड़ क्या ,

दुश्मनों की #दहाड़ क्या ,

#खाक छानेंगे तब तक ,

खप न जाये जिंदगी यह,

#मुश्किलों का #लहू पीने में ।


#सहूलियतों से वास्ता नहीं,

पसंद सीधा साधा रास्ता नहीं ,

तकलीफों से #ताल्लुकात तब तक,

#हौसलों #हुंकार न भरे जब तक,

मंजिलों के चढ़ सीने में ।


आराम कहां है जीने में ,

जब आग लगी हो सीने में ।

बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

क्यों न कहा अपने दिल की #दास्तां !

Image Google sabhar

क्यों न कहा अपने दिल की #दास्तां ,

कुछ तो करते हम दर्दे दिल की #दवा,

या तो उठा लेते सर पर #आसमां,

या तो बन जाते #जमीं सा #आसरा ।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां ,

हम तो तकते रहते थे तुम्हारा रास्ता ,

इसी बहाने मिलने का मिलता तो मौका,

गुजरता वक्त  साथ आपके कुछ तो जरा ।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां,

करते  तुम्हारे लिये #सुकून की #दुआ,

मांगते तुम्हारे लिये अपना भी #हिस्सा,

चढ़ते तुम्हारे लिये #मंदिर की #सीढियां।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां,

#दुशवारियों का कुछ हल तो निकलता,

कुछ तो #संवरती उलझे मन की दशा ,

#संभलता मन  आहिस्ता आहिस्ता ।

बुधवार, 24 जनवरी 2024

वो है मेरा #वतन ।


धरती और गगन ,

नदी , पर्वत और वन,

सब खेले एक आंगन ,

वो है मेरा #वतन ।


लहरें ,  पवन ,

पंछी , चमन ,

जहां झूलों का #सावन,

वो है मेरा वतन ।


धीरज,  #धरम,

पूजा और तपोवन,

सब दिन उत्सव सा #पावन ,

वो है मेरा वतन ।


#चांद पर  कदम ,

मिले आदित्य से नयन ,

हर होड़ में है नंबर वन,

वो है मेरा वतन ।


सब शुभ #मंगलम ,

है #वसुधैव #कुटुंबकम्,

जहां #अतिथि देवो भवम,

वो है मेरा वतन ।

🌷गणतंत्र दिवस की अनेकों अनेक शुभकामनायें ।🌷

🙏जय हिंद , जय भारत ।🙏

सोमवार, 22 जनवरी 2024

जय हो जय हो #श्रीराम ।

जय हो जय #श्रीराम ,

पलकें तकती अविराम ,

विराजे है #रघुवर मेरे, 

#अयोध्या धाम ,

जय जय श्री राम ।


वर्षों बाद मिला है अवसर,

फिर से भाग्य जगाने को ,

कितनों ने बलिदान दिया है ,

#रामलला को लाने में ,

है तमन्ना तमाम ,

विराजे है रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्री राम ।


#रामनाम से गूंजा कण कण,

#रामभक्त हो जाने को ,

सब कुछ अपना बार दिया है,

#रामकृपा को पाने में ,

धन्य जीवन तमाम ,

विराजे है रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम ।

जय हो जय हो श्रीराम ।

बुधवार, 10 जनवरी 2024

विराजेंगे #रघुवर मेरे !

इमेज गूगल साभार 

जय हो जय हो #श्रीराम ,

पलकें तकती अविराम ,

विराजेंगे #रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम ।


वर्षों बाद मिला है अवसर,

फिर से भाग्य जगाने को ,

कितनों ने बलिदान दिया है,

#रामलला को लाने में ,

है तमन्ना तमाम ,

दर्शन देने श्रीराम ,

विराजेंगे रघुवर मेरे ,

#अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम ।


राम नाम से गूंजा कण कण,

रामभक्त बन जाने को ,

सबकुछ अपना वार दिया है,

राम कृपा को पाने में ।

सफल जन्म तमाम,

दर्शन देंगे श्रीराम ,

विराजेंगे रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम । 

हिंदी दिवस की बहुत शुभकामनायें , जय श्रीराम ।

मंगलवार, 2 जनवरी 2024

दो हजार #चौबीस के भाग्य में ......

इमेज गूगल साभार

दो हजार #चौबीस के भाग्य में,

था यह मंगल काम ,

कि #अयोध्या के भव्य धाम में,

विराजेंगे प्रभु #श्रीराम ।


कितने वर्षों ने राह तके,

पर यह सौभाग्य पा न सके ,

यह कई जन्मों का पुण्य था,

जो पायेंगे #रघुवर हाथों उत्थान।


जन जन भी धन्य हुआ ,

और कण कण सारा ब्रह्माण्ड ,

#रामलला के आगमन पर ,

जो करेंगे मंगल गान । 


दुष्ट और दानव परेशान है ,

और दुर्भाग्य से है अज्ञान ,

सद बुद्धि देकर कल्याण करेंगे,

मेरे जय जय श्री राम ।


सकल ब्रम्हांड के स्वामी है ,

हर हृदय के सुखद परिणाम ,

सब प्रभु श्रीराम की शरण में है ,

और हर हृदय उनका पावन धाम ।


दो हजार चौबीस के भाग्य में,

था यह मंगल काम ,

कि अयोध्या के भव्य धाम में,

विराजेंगे प्रभु श्रीराम ।

लो बीत गया एक और #साल !

# फुर्सत मिली न मुझे अपने ही काम से लो बीत  गया एक और # साल फिर मेरे # मकान से ।   सोचा था इस साल अरमानों की गलेगी दाल , जीवन...