नील लगे न #पिचकरी, #रंग
चोखा आये ,
कीचड का गड्डा देखकर ,
उसमें दियो डुबाये .
ऊंट पर टांग धरन की ,
फितरत में श्रीमान ,
मुंह के बल गिर गये , कटा
बैठे नाक और जुबान .
अच्छी रील के फेर में
, रियल बनाये मजाक ,
बनाबटी काम सब कर रहे , छोड़ कर असली काज .
बुरा न मानो बोल के ,
होली की हुडदंगी जात ,
तोड़फोड़ और गालियाँ से , मन की निकाले भड़ास .
लोढ़त पोढ़त दिन गयो , गयो न मदहोशी का फेर .
मधु मुन्नका मिठाई संग ,
ज्यों सेवन किये रहे ढेर .
होली मनाये की खुशी में, नशा इतना लिया चढ़ा ,
रंग में भंग पड़ाये के , खुशियां की होली लिया जला .
होली की ढेरों ढेर शुभकामनायें एवं बधाइयाँ .
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 25 मार्च 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंआदरणीय यशोदा मेम,
हटाएंमेरी लिखी रचना को "पांच लिंकों के आनन्द में" सम्मिलित करने हेतु बहुत धन्यवाद एवम आभार , सादर ।
Happy Holi sir ji👌👌👌🙏
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद सर, आपको भी शुभ और मंगलमय होली ।
हटाएंWah kya baat hai. Happy Holi.
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद सर, आपको भी शुभ और मंगलमय होली ।
हटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय , सादर ।
हटाएंसुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएं 🎉
बहुत धन्यवाद आदरणीय मेम , आपको भी शुभ और मंगलमय होली ।
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय सर, सादर ।
हटाएंबेहतरीन...
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय , सादर ।
हटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय , सादर ।
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय , सादर ।
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