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रविवार, 31 मार्च 2024

बहती नदी मध्य एक #पत्थर !


ढूंढते हैं #पेड़ों की छांव ,

पंछी , #नदियां और तालाब

ठंडी ठंडी हवा का बहाव ,

आसमां का जहां #धरती पर झुकाव ।


बहती नदी मध्य एक #पत्थर ,

बैठ गया थक कर उस पर ,

सुकून हुआ और बेहतर 

जब मछलियां गुजरी पैरों को छूकर ।


ऊपर नीला सा आसमां ,

चित्र उकेरे जिस पर घटा,

बाल मन सा अंदाज लगा ,

देख रहे आकृति फला फला ।


फूलों पर रंगों का पहरा,

खुशबू भी लुभा रही भंवरा,

बैठा था मैं कुछ ऐसी  जगह

जहां  मिलने आती थी शीतल  हवा ।

17 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" मंगलवार 02 अप्रैल 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय मेम
      मेरी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" http://halchalwith5links.blogspot.in पर सम्मिलित करने के बहुत धन्यवाद एवम आभार , सादर ।

      हटाएं
  2. Those were the days.. Search them again...

    जवाब देंहटाएं
  3. एक सुंदर सजीव चित्र प्रस्तुत करती रचना

    जवाब देंहटाएं

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