#happyfathersday
वो बात बात पर उनकी डांट, और बार बार रूठना मेरा ।
ऐसे ही कई बार शुरू होता , उनका और मेरा सबेरा ।
कभी मैं गिरता और , उठता उनकी उंगली पकड़ दुबारा ।
हो कोई बात मनवाना , लेता माँ का इमोशनल सहारा ।
ऐसे होती मेरी कई ख्वाइश पूरी , लगता मैं जीता वो हारा ।
कभी भी मेरा हार जाना , ना होता उनको भी बिलकुल गवारा ।
रात दिन मेहनत कर , करते अपने सुखों और आराम से किनारा ।
बस यही तमन्ना लिए कि , हर ख़ुशी सुख पाये उनका दीप दुलारा ।
आदरणीय सभी पिताओं को सादर नमन के साथ समर्पित ।
हेप्पी फादर्श डे ।
वो बात बात पर उनकी डांट, और बार बार रूठना मेरा ।
ऐसे ही कई बार शुरू होता , उनका और मेरा सबेरा ।
कभी मैं गिरता और , उठता उनकी उंगली पकड़ दुबारा ।
हो कोई बात मनवाना , लेता माँ का इमोशनल सहारा ।
ऐसे होती मेरी कई ख्वाइश पूरी , लगता मैं जीता वो हारा ।
कभी भी मेरा हार जाना , ना होता उनको भी बिलकुल गवारा ।
रात दिन मेहनत कर , करते अपने सुखों और आराम से किनारा ।
बस यही तमन्ना लिए कि , हर ख़ुशी सुख पाये उनका दीप दुलारा ।
आदरणीय सभी पिताओं को सादर नमन के साथ समर्पित ।
हेप्पी फादर्श डे ।