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मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

हमारे न होने का #अहसास वो करते हैं !

 


हमारे न होने का
#अहसास वो करते हैं
किसी #महफिल का
जब वो #आगाज करते हैं ।

छोड़ देते है एक जगह
मेरे नाम के पैमाने की
पूछते हैं बार बार वजह
यूं महफिल में मेरे न आने की
फिर मिलकर मेहमानों से
मुस्कराने का यूं ही रिवाज करते हैं ।

ढूंढती हैं नजरें उनकी हर पता
हमारे होने के उस ठिकाने की
मांगते हैं मन्नतें बार बार रब से
उस जगह महफिलें सजाने की
सोचकर ऐसे ही वो हर बार
फिर एक महफिल का आगाज करते हैं ।

हमारे न होने का
अहसास वो करते हैं
किसी महफिल का
जब वो आगाज करते हैं ।
               ** दीपक कुमार भानरे **

शनिवार, 25 जनवरी 2025

कि #हासिल है हमें #हिंदुस्तान की #सरजमी ।

Image Google Sabhar

हम है
किस्मत के बड़े धनी
कि हासिल है हमें
हिंदुस्तान की सरजमी ।


परिश्रम के पसीने से
जहां देह है दहकती
सफलता के सितारों से
जहां जिंदगियां है चमकती
हर हिंदुस्तानी हृदय की
बड़ी विस्तृत है गली ।


निभाते है लोग यहां पर
वसुधैव कुटुंबकम् संस्कृति
कृष्ण और सुदामा सी
विख्यात है यहां दोस्ती
वचन निभाने में तो
प्राणों की भी दे जाते है बलि ।


चांद पर भी देश की
दस्तक है हो चुकी
सूरज के तापमान पर भी
इबारत है नई लिखी
हिंदुस्तान की तो अब
ख्याति है बड़ी इतनी
कि विश्व के सारी निगाहें
हम हिंदुस्तानी पर ही आ टिकी ।


हम है किस्मत के
बड़े धनी
कि हासिल है हमें
हिंदुस्तान की सरजमी ।

गणतंत्र की बहुत शुभकामनायें एवं बधाइयाँ । 
जय हिन्द जय भारत । 

 

रविवार, 19 जनवरी 2025

#कुंभ का शुभ स्नान ।

 


भाग्य का #उदय है
जीवन का है उत्थान
#मोक्ष का पावन द्वार है
#कुंभ का शुभ स्नान ।

#गंगा जमुना सरस्वती
#संगम का है धाम
#पापों से #मुक्ति मिले
मिले #पुण्य परिणाम ।

#अमृत कुंभ प्रकट हुआ
समुद्र मंथन दौरान
#बूंद अमृत गिरी यहां
देव असुर #संग्राम ।

यहां न कोई भिन्न रहा
सब #सनातनी एक संतान
कुंभ के पावन समागम से
धन्य हुआ #हिंद स्थान ।

भाग्य का उदय है
जीवन का है उत्थान
मोक्ष का पावन द्वार है
कुंभ का शुभ स्नान ।

 

हमारे न होने का #अहसास वो करते हैं !

  हमारे न होने का #अहसास वो करते हैं किसी #महफिल का जब वो #आगाज करते हैं । छोड़ देते है एक जगह मेरे नाम के पैमाने की पूछते हैं बार बार वजह य...