गर #लक्ष्य का
कर ले #शिकार
बिन #आलस्य
बिन हिम्मत हार
आया वो जब
अपने द्वार ।
गर रहा बेअसर
पहला ही वार
बढ़ जाती है
#प्रतिद्वंदियों की कतार
होती #परीक्षा
जब हर अगली बार ।
कभी तो जुड़ते
#माफियाओं के तार
#बेईमान दफा कई
लेते बाजी मार
मेहनत कर कर
मरे #ईमानदार ।
वक्त पर गर
हो जाये कार्य
न हो व्यवस्थायें
तार तार
तो लक्ष्य और सपने
हो सब साकार ।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द शनिवार 06 अक्बटूर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिग्विजय सर , मेरी इस रचना को 06 अक्टूबर के अंक "पांच लिंकों के आनंद " में शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद और आभार । सादर ।
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय ।
हटाएंबहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंजय माता की 🙏 🚩
चौथा नवरात्र मां कुष्मांडा का आशीर्वाद सभी भक्तों पर सदा बना रहे 🙏
बहुत धन्यवाद आदरणीय । आप पर माता रानी कृपा सदा बनी रहे । नवरात्र की बहुत शुभकामनाएं । जय माता दी ।
हटाएं