शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024

गर #लक्ष्य का कर ले #शिकार !

गर #लक्ष्य का 

कर ले #शिकार

बिन #आलस्य 

बिन हिम्मत हार 

आया वो जब

अपने द्वार ।


गर रहा बेअसर

पहला ही वार

बढ़ जाती है

#प्रतिद्वंदियों  की कतार

होती #परीक्षा 

जब हर अगली बार ।


कभी तो जुड़ते 

#माफियाओं के तार

#बेईमान दफा कई

लेते बाजी मार

मेहनत कर कर

मरे #ईमानदार ।


वक्त पर गर 

हो जाये कार्य 

न हो व्यवस्थायें 

तार तार 

तो लक्ष्य और सपने

हो सब साकार ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द शनिवार 06 अक्बटूर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    उत्तर
    1. आदरणीय दिग्विजय सर , मेरी इस रचना को 06 अक्टूबर के अंक "पांच लिंकों के आनंद " में शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद और आभार । सादर ।

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  2. बहुत सुन्दर।

    जय माता की 🙏 🚩
    चौथा नवरात्र मां कुष्मांडा का आशीर्वाद सभी भक्तों पर सदा बना रहे 🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत धन्यवाद आदरणीय । आप पर माता रानी कृपा सदा बनी रहे । नवरात्र की बहुत शुभकामनाएं । जय माता दी ।

      हटाएं

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