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दो हजार #चौबीस के भाग्य में,
था यह मंगल काम ,
कि #अयोध्या के भव्य धाम में,
विराजेंगे प्रभु #श्रीराम ।
कितने वर्षों ने राह तके,
पर यह सौभाग्य पा न सके ,
यह कई जन्मों का पुण्य था,
जो पायेंगे #रघुवर हाथों उत्थान।
जन जन भी धन्य हुआ ,
और कण कण सारा ब्रह्माण्ड ,
#रामलला के आगमन पर ,
जो करेंगे मंगल गान ।
दुष्ट और दानव परेशान है ,
और दुर्भाग्य से है अज्ञान ,
सद बुद्धि देकर कल्याण करेंगे,
मेरे जय जय श्री राम ।
सकल ब्रम्हांड के स्वामी है ,
हर हृदय के सुखद परिणाम ,
सब प्रभु श्रीराम की शरण में है ,
और हर हृदय उनका पावन धाम ।
दो हजार चौबीस के भाग्य में,
था यह मंगल काम ,
कि अयोध्या के भव्य धाम में,
विराजेंगे प्रभु श्रीराम ।
Bahut Sundar... Jai SiyaRamJi Ki :-)
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद सर ।
हटाएंजय सियाराम जी की जय 🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद सर ।
हटाएंनववर्ष की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद सर , आपको भी नव वर्ष की बहुत शुभकामनाएं ।
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