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बुधवार, 22 मई 2024

माथे पर #पसीना !

 


माथे पर #पसीना,

तन नमी से परेशान है,

हाय ये बेरहम #गर्मी ,

#बेचैनी का बड़ा उफान है ।


पंखे और कूलर का,

घर घर अब घमासान है,

ढूंढ ढूंढ कर पेड़ों को छाया,

बैठे पशु पक्षी इंसान है ।


नदियां झरने तलाब सूखे ,

पानी सारा तमाम है ,

बूंद बूंद पानी बना अब,

बोतल बंद सामान है ।


पेड़ लगाना पानी बचाना,

अब सबका अरमान है ,

देखते है कब तक यह जज्बा ,

चढ़ा रहता परवान है ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 25 मई 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय मेम,

      मेरी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 25 मई 2024 को लिंक की जाएगी .http://halchalwith5links.blogspot.in पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
      सादर ।

      हटाएं

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