माथे पर #पसीना,
तन नमी से परेशान है,
हाय ये बेरहम #गर्मी ,
#बेचैनी का बड़ा उफान है ।
पंखे और कूलर का,
घर घर अब घमासान है,
ढूंढ ढूंढ कर पेड़ों को छाया,
बैठे पशु पक्षी इंसान है ।
नदियां झरने तलाब सूखे ,
पानी सारा तमाम है ,
बूंद बूंद पानी बना अब,
बोतल बंद सामान है ।
पेड़ लगाना पानी बचाना,
अब सबका अरमान है ,
देखते है कब तक यह जज्बा ,
चढ़ा रहता परवान है ।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 25 मई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंआदरणीय मेम,
हटाएंमेरी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 25 मई 2024 को लिंक की जाएगी .http://halchalwith5links.blogspot.in पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
सादर ।
सुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद आदरणीय , सादर ।
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद सर । सादर ।
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