गुरुवार, 3 मार्च 2022

#मुसीबत में हाथ बढ़ाते हैं ,अपने ही लोग और #वतन ।

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हर #मुसीबत में हाथ बढ़ाते हैं ,

अपने ही लोग और #वतन ।


चाहे कहते रहें देश में ,

भय का है वातावरण ।

चाहे कहते रहें देश में ,

अव्यवस्थाओं का है आलम ।

चाहे कितना ही बुरा भला ,

कहते रहें हैं कुछ हम वतन  ।

पर मुसीबतों में ढाल बन आते,

अपने ही लोग और अपना वतन ।


चाहे विदेशों में जाकर,

उलझ गए है कुछ हमवतन ।

और निकलने का ढूंढ रहे हैं ,

कोई सुरक्षित साधन ।

फिर चाहे कितनी भी ,

परिस्थितियां हो विषम ।

हर मुसीबत में हाथ बढ़ाते हैं ,

अपने ही लोग और वतन ।


सारे विश्व में देखकर ,

देश का ऐसा दमखम ।

अब तो विदेशी भी थाम रहें हैं ,

हमारे देश का परचम ।

क्योंकि हर मुश्किलों में साथ निभाते ,

चाहे कैसा भी हो मौसम ।

हर पल साथ और अहसास जताते ,

हमारे लोग और हमारा वतन ।

1 टिप्पणी:

  1. नमस्ते आदरणीय अनीता मेम ,
    मेरी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज शनिवार (०५ -०३ -२०२२ ) को
    'मान महफिल में बढ़ाना सीखिए'((चर्चा अंक -४३६०) पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद और आभार ।
    सादर

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