रहो यूं #मशरूफ इतना ,
जश्न के #मयखाने में ,
कि जलती रहे लौ खुशी की ,
दिल के #दीपखाने में ।
कुछ तो जाम लिया करो ,
दिल को जरा बहलाने में ,
गर पैमाने छलक भी जाये,
तो वक्त लो होश आने में ।
गर बहक गए कदम ,
यारों को आजमाने में,
तो गुजार देंगें जिंदगी तमाम,
भरते हुये हरजाने में ।
रोको न खुद को कभी ,
जश्न को मनाने में ,
गर पल कोई खुशी का हो,
तो हर्ज क्या है लुत्फ उठाने में ।
न मिले गम को तबज्जो ,
दिल के गरीबखाने में,
रहो यूं मशरूफ इतना,
जश्न के मयखाने में ।
--- "दीप"क कुमार भानरे ---
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 11 जनवरी 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
आदरणीय पम्मी मेम, मेरी लिखी रचना ब्लॉग को "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 11 जनवरी 2023 को में साझा करने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
जवाब देंहटाएंसादर ।
वाह.....उम्मदा रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीय उर्मिला मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिकृया हेतु बहुत धन्यवाद । सादर ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सार्थक रचना। बधाई
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आदरणीय जिज्ञासा मेम आपकी बहुमूल्य प्रतिकृया हेतु बहुत धन्यवाद । सादर ।
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