ढूंढते हैं #पेड़ों की छांव ,
पंछी , #नदियां और तालाब
ठंडी ठंडी हवा का बहाव ,
आसमां का जहां #धरती पर झुकाव ।
बहती नदी मध्य एक #पत्थर ,
बैठ गया थक कर उस पर ,
सुकून हुआ और बेहतर
जब मछलियां गुजरी पैरों को छूकर ।
ऊपर नीला सा आसमां ,
चित्र उकेरे जिस पर घटा,
बाल मन सा अंदाज लगा ,
देख रहे आकृति फला फला ।
फूलों पर रंगों का पहरा,
खुशबू भी लुभा रही भंवरा,
बैठा था मैं कुछ ऐसी जगह
जहां मिलने आती थी शीतल हवा ।