गर #लक्ष्य का
कर ले #शिकार
बिन #आलस्य
बिन हिम्मत हार
आया वो जब
अपने द्वार ।
गर रहा बेअसर
पहला ही वार
बढ़ जाती है
#प्रतिद्वंदियों की कतार
होती #परीक्षा
जब हर अगली बार ।
कभी तो जुड़ते
#माफियाओं के तार
#बेईमान दफा कई
लेते बाजी मार
मेहनत कर कर
मरे #ईमानदार ।
वक्त पर गर
हो जाये कार्य
न हो व्यवस्थायें
तार तार
तो लक्ष्य और सपने
हो सब साकार ।