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शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024

जब #आग लगी हो #सीने में !

इमेज गूगल साभार

#आराम कहां है जीने में ,

जब #आग लगी हो #सीने में ।


धधकती है #ज्वाला अंदर ,

लेकर #हौसलों का #समंदर ,

हार न माने तब तक ,

कतरा कतरा #खून का ,

बह न जाये #पसीने में ।


पर्वत क्या, पहाड़ क्या ,

दुश्मनों की #दहाड़ क्या ,

#खाक छानेंगे तब तक ,

खप न जाये जिंदगी यह,

#मुश्किलों का #लहू पीने में ।


#सहूलियतों से वास्ता नहीं,

पसंद सीधा साधा रास्ता नहीं ,

तकलीफों से #ताल्लुकात तब तक,

#हौसलों #हुंकार न भरे जब तक,

मंजिलों के चढ़ सीने में ।


आराम कहां है जीने में ,

जब आग लगी हो सीने में ।

बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

क्यों न कहा अपने दिल की #दास्तां !

Image Google sabhar

क्यों न कहा अपने दिल की #दास्तां ,

कुछ तो करते हम दर्दे दिल की #दवा,

या तो उठा लेते सर पर #आसमां,

या तो बन जाते #जमीं सा #आसरा ।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां ,

हम तो तकते रहते थे तुम्हारा रास्ता ,

इसी बहाने मिलने का मिलता तो मौका,

गुजरता वक्त  साथ आपके कुछ तो जरा ।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां,

करते  तुम्हारे लिये #सुकून की #दुआ,

मांगते तुम्हारे लिये अपना भी #हिस्सा,

चढ़ते तुम्हारे लिये #मंदिर की #सीढियां।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां,

#दुशवारियों का कुछ हल तो निकलता,

कुछ तो #संवरती उलझे मन की दशा ,

#संभलता मन  आहिस्ता आहिस्ता ।

#आंगन की छत है !

  #आंगन की छत है , #रस्सी की एक डोर, बांध रखी है उसे , किसी कौने की ओर। #नारियल की #नट्टी बंधी और एक पात्र #चौकोर , एक में भरा पानी , एक में...