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सोमवार, 29 मार्च 2021

बस #बुरा न माने #होली है । ( #हल्के #फुल्के #डोस ) !


साडी बात बात बाकी की बकवास ,

बची रहे अपनी, बाकी की खल्लास,

 हमेशा अपनी ढपली अपनी राग ,

ऐसे ही जिंदगी धकेली है  ,

बस बुरा न माने होली है ।


कभी दिखाते रहे पीठ  ,

कभी बन जाते ढीठ  ,

तलवे भले ही चाटने पड़े, 

पर पाये अच्छी सीट  ,

चाहे होती रही जग ठिठोली है ,

बस बुरा न माने होली है । 


चाहे इज्जत मिट्टी में मिल जाये ,

कौड़ी कौड़ी खूब बचाये ,

चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाये ,

भरती रहे अपनी झोली है ,

बस बुरा न माने होली है ।


टेबल के नीचे रखा कटोरा , ,

कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा ,

भानुमती का कुनबा जोड़ा ,  

ऐसे बनाई आलीशान हवेली है ,

बस बुरा न माने होली है ।


बीती बात बिसारकर ,

नकली खाल उतारकर ,

रंग गुलाल मस्ती से उड़ाकर,

खुली रखे मन की खोली है ,

बस बुरा न माने होली है ।

होली की ढेरों शुभकामनाएं एवं बधाइयां ।

शनिवार, 20 मार्च 2021

ये सब #मोबाइल (#Mobile) का #Craze है ।


 

फ़ेसबुक में ब्युटि Face है  ,

वाट्सअप में लवली Chat है ,

डेलि नये बनते  Hashtag है ,

सब लगते कूल और Relax है ,

लगता वर्ल्ड कितना Great है ,

ये सब मोबाइल का Craze है ।

 

नॉलेज का बड़ा Stack है ,

बिजनेस में भी हो गई Ease है ,

शहरों की दूरियाँ हुई Less है ,

बातें कर लो Face to Face है ,

सारा वर्ल्ड  बना एक Village है ,

ये सब मोबाइल का Craze है ।

 

आँखों और दिमाग में Stress है ,

स्टडि और काम में नहीं Concentrate है ,

अच्छी बुरी बातों की फुल Access है ,

जेनेरेशन के भटकने की Threat है ,

कुछ लोग हो रहे  Frustrate है ,

ये सब मोबाइल का Craze है ।

 

मोबाइल ने बदला कैसा Climate है ,

सबकी दुनिया हो रही Private है ,

रिश्ते नातों से हो रहे Disconnect है ,

वर्चुअल वर्ल्ड से हो रहे Relate है ,

रियल वर्ल्ड बन  रहा Fake है,

ये सब मोबाइल का Craze है ।

शुक्रवार, 12 मार्च 2021

#साथ एक दिन #अपनों का जाता ही है #छूट ।

 


साथ अपनों का अपनों से ,जाता है छूट ।

जैसे पेड़ के पत्ते साख से , जाते है टूट ,


उड़ते  आवारा से इधर उधर , 

शहरों की गलियों में जाए बिखर, 

कभी कुचले जाते है पैरों तले आकर, 

तो कभी धूप में पड़ जाते है सूख,

कभी निवाला बन मिटाते है भूख । 


साथ जब मेघ से , बूंदों का जाता है छूट ,

न कुछ ठहराव तय और न तय होता वजूद ।


ले लेगी बहते वो निर्मल  सरिता  का रूप ,

या मिलेगा ठहराव में मलिन जल का कूप ,

अर्पण होगी देव चरणों में भक्ति स्वरूप,

या मिलकर मदिरा संग , बनेगी नशे का घूंट ।

ये नियति का लेखा है , या होती है कोई चूक । 


रिश्ता चाहे अपनों से , कितना ही हो अटूट, 

साथ एक दिन अपनों का जाता ही है छूट ।

सोमवार, 8 मार्च 2021

दुनिया को मिला पूरा आकार ।



 शक्ति और संयम का संगम ,

ममता और स्नेह का दामन ,

राधा सीता और है मरियम , 

करती तन और मन  समर्पण ,

ताकि दुनिया को मिले पूरापन ।


एक हाथ में बेलन है तो ,

एक हाथ में है तलवार ,

जल थल नभ में धूम मचाती ,

हर चुनौती से लड़ने को तैयार ,

ताकि दुनिया को दे सके पूर्ण आधार । 


इश्वर भी होते है अधूरे , 

पूजा भी नहीं होती पूरी ,

जिन से  पाए प्रकृति विस्तार , 

उनके कदम से कदम मिलाकर,

दुनिया को मिला पूरा आकार  ।

Happy womens day. 

#आंगन की छत है !

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