साडी बात बात बाकी की बकवास ,
बची रहे अपनी, बाकी की खल्लास,
हमेशा अपनी ढपली अपनी राग ,
ऐसे ही जिंदगी धकेली है ,
बस बुरा न माने होली है ।
कभी दिखाते रहे पीठ ,
कभी बन जाते ढीठ ,
तलवे भले ही चाटने पड़े,
पर पाये अच्छी सीट ,
चाहे होती रही जग ठिठोली है ,
बस बुरा न माने होली है ।
चाहे इज्जत मिट्टी में मिल जाये ,
कौड़ी कौड़ी खूब बचाये ,
चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाये ,
भरती रहे अपनी झोली है ,
बस बुरा न माने होली है ।
टेबल के नीचे रखा कटोरा , ,
कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा ,
भानुमती का कुनबा जोड़ा ,
ऐसे बनाई आलीशान हवेली है ,
बस बुरा न माने होली है ।
बीती बात बिसारकर ,
नकली खाल उतारकर ,
रंग गुलाल मस्ती से उड़ाकर,
खुली रखे मन की खोली है ,
बस बुरा न माने होली है ।
होली की ढेरों शुभकामनाएं एवं बधाइयां ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरंग भरी होली की शुभकामनाएँ।