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मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

#आंगन की छत है !

 


#आंगन की छत है ,

#रस्सी की एक डोर,

बांध रखी है उसे ,

किसी कौने की ओर।


#नारियल की #नट्टी बंधी

और एक पात्र #चौकोर ,

एक में भरा पानी ,

एक में #दाना दिया छोड़ ।


कभी भरी #दोपहरी,

तो कभी सांझ या भोर,

चलता है नन्हे मेहमानों का,

#अठखेलियों का दौर ।


कभी मुंह में पानी ,

तो कभी अनाज का कोर,

#चहचहाते हुये सब ,

मचाते है शोर ।


कोमल सा मन है ,

तन भी न कठोर ,

#फुर्र से उड़ जाते हैं,

जब कोई आता उनकी ओर।


आते रहे ऐसे ही ,

नन्हे #मेहमान बतौर,

आओ बांध ले संग,

एक #रिश्ते की डोर ।

रविवार, 31 मार्च 2024

बहती नदी मध्य एक #पत्थर !


ढूंढते हैं #पेड़ों की छांव ,

पंछी , #नदियां और तालाब

ठंडी ठंडी हवा का बहाव ,

आसमां का जहां #धरती पर झुकाव ।


बहती नदी मध्य एक #पत्थर ,

बैठ गया थक कर उस पर ,

सुकून हुआ और बेहतर 

जब मछलियां गुजरी पैरों को छूकर ।


ऊपर नीला सा आसमां ,

चित्र उकेरे जिस पर घटा,

बाल मन सा अंदाज लगा ,

देख रहे आकृति फला फला ।


फूलों पर रंगों का पहरा,

खुशबू भी लुभा रही भंवरा,

बैठा था मैं कुछ ऐसी  जगह

जहां  मिलने आती थी शीतल  हवा ।

शनिवार, 23 मार्च 2024

नील लगे न पिचकरी, #रंग चोखा आये ,

 


नील लगे न #पिचकरी, #रंग चोखा आये ,

कीचड का गड्डा देखकर , उसमें दियो डुबाये .

 

ऊंट पर टांग धरन की , फितरत में श्रीमान ,

मुंह के बल गिर गये , कटा बैठे नाक और जुबान .

 

अच्छी रील के  फेर  में , रियल  बनाये मजाक ,

बनाबटी  काम सब कर  रहे , छोड़ कर असली काज .    

 

बुरा न मानो बोल के , होली की हुडदंगी जात ,

तोड़फोड़ और गालियाँ  से , मन की निकाले भड़ास .

 

लोढ़त पोढ़त  दिन गयो , गयो न मदहोशी का फेर .

मधु मुन्नका मिठाई संग , ज्यों  सेवन किये रहे ढेर .


होली मनाये की खुशी में, नशा इतना लिया चढ़ा ,

रंग में भंग पड़ाये के , खुशियां की होली लिया जला .


होली की ढेरों ढेर शुभकामनायें एवं बधाइयाँ . 

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

#नारी शक्ति अनंत अथाह ।


मन के अंदर कितने हो घाव,

फिर भी रखे कोमल स्वभाव,

मुश्किल में हो कितनी जीवन नाव,

फिर भी डिगे न इन के  पांव ।


#ममता के #आंचल की छांव ,

सुरक्षा और #आश्रय का भाव ,

चाहे कितना हो आभाव ,

#अन्नपूर्णा बन करती पुराव ।


चलाती उंगली पकड़ पांव पांव,

जुबां को देती शब्द और सुझाव,

शिशु को देती रुचि और चाव,

ताकि उचित हो पोषण और बढ़ाव।


बल व शक्ति रूपेण #दुर्गा ,

समझ व ज्ञान रूपी #शारदा ,

स्नेह का अविरल निश्चल प्रवाह ,

प्रज्ञा, प्रीति , प्रथा, प्रतिभा ,

#नारी शक्ति अनंत अथाह ।


#महिला दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं । 

रविवार, 3 मार्च 2024

जुदा है वो हर #अदा से !


जुदा है उसकी #आंखें ,

नीली नीली सी आंखें ,

गीली गीली सी आंखें ,

निकली जैसे समंदर में नहाके ।


जुदा है उसकी #बातें ,

कहती सब अंदाजे बयां से,

फूलों से लफ्ज़ जुबापे,

निकले जैसे शहद में भिगाके ।


जुदा है उसकी #सांसें ,

जब कभी वो पास आते ,

एक तूफान सा उठाके ,

रह जाते सांसों में समाके ।


जुदा है वो हर #अदा से ,

मुस्कान चेहरे पर सदा से,

चुके न कोई कायदा से ,

रहती वो बस रस्मों वफा से ।

शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024

जब #आग लगी हो #सीने में !

इमेज गूगल साभार

#आराम कहां है जीने में ,

जब #आग लगी हो #सीने में ।


धधकती है #ज्वाला अंदर ,

लेकर #हौसलों का #समंदर ,

हार न माने तब तक ,

कतरा कतरा #खून का ,

बह न जाये #पसीने में ।


पर्वत क्या, पहाड़ क्या ,

दुश्मनों की #दहाड़ क्या ,

#खाक छानेंगे तब तक ,

खप न जाये जिंदगी यह,

#मुश्किलों का #लहू पीने में ।


#सहूलियतों से वास्ता नहीं,

पसंद सीधा साधा रास्ता नहीं ,

तकलीफों से #ताल्लुकात तब तक,

#हौसलों #हुंकार न भरे जब तक,

मंजिलों के चढ़ सीने में ।


आराम कहां है जीने में ,

जब आग लगी हो सीने में ।

बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

क्यों न कहा अपने दिल की #दास्तां !

Image Google sabhar

क्यों न कहा अपने दिल की #दास्तां ,

कुछ तो करते हम दर्दे दिल की #दवा,

या तो उठा लेते सर पर #आसमां,

या तो बन जाते #जमीं सा #आसरा ।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां ,

हम तो तकते रहते थे तुम्हारा रास्ता ,

इसी बहाने मिलने का मिलता तो मौका,

गुजरता वक्त  साथ आपके कुछ तो जरा ।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां,

करते  तुम्हारे लिये #सुकून की #दुआ,

मांगते तुम्हारे लिये अपना भी #हिस्सा,

चढ़ते तुम्हारे लिये #मंदिर की #सीढियां।


क्यों न कहा अपने दिल की दास्तां,

#दुशवारियों का कुछ हल तो निकलता,

कुछ तो #संवरती उलझे मन की दशा ,

#संभलता मन  आहिस्ता आहिस्ता ।

बुधवार, 24 जनवरी 2024

वो है मेरा #वतन ।


धरती और गगन ,

नदी , पर्वत और वन,

सब खेले एक आंगन ,

वो है मेरा #वतन ।


लहरें ,  पवन ,

पंछी , चमन ,

जहां झूलों का #सावन,

वो है मेरा वतन ।


धीरज,  #धरम,

पूजा और तपोवन,

सब दिन उत्सव सा #पावन ,

वो है मेरा वतन ।


#चांद पर  कदम ,

मिले आदित्य से नयन ,

हर होड़ में है नंबर वन,

वो है मेरा वतन ।


सब शुभ #मंगलम ,

है #वसुधैव #कुटुंबकम्,

जहां #अतिथि देवो भवम,

वो है मेरा वतन ।

🌷गणतंत्र दिवस की अनेकों अनेक शुभकामनायें ।🌷

🙏जय हिंद , जय भारत ।🙏

सोमवार, 22 जनवरी 2024

जय हो जय हो #श्रीराम ।

जय हो जय #श्रीराम ,

पलकें तकती अविराम ,

विराजे है #रघुवर मेरे, 

#अयोध्या धाम ,

जय जय श्री राम ।


वर्षों बाद मिला है अवसर,

फिर से भाग्य जगाने को ,

कितनों ने बलिदान दिया है ,

#रामलला को लाने में ,

है तमन्ना तमाम ,

विराजे है रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्री राम ।


#रामनाम से गूंजा कण कण,

#रामभक्त हो जाने को ,

सब कुछ अपना बार दिया है,

#रामकृपा को पाने में ,

धन्य जीवन तमाम ,

विराजे है रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम ।

जय हो जय हो श्रीराम ।

बुधवार, 10 जनवरी 2024

विराजेंगे #रघुवर मेरे !

इमेज गूगल साभार 

जय हो जय हो #श्रीराम ,

पलकें तकती अविराम ,

विराजेंगे #रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम ।


वर्षों बाद मिला है अवसर,

फिर से भाग्य जगाने को ,

कितनों ने बलिदान दिया है,

#रामलला को लाने में ,

है तमन्ना तमाम ,

दर्शन देने श्रीराम ,

विराजेंगे रघुवर मेरे ,

#अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम ।


राम नाम से गूंजा कण कण,

रामभक्त बन जाने को ,

सबकुछ अपना वार दिया है,

राम कृपा को पाने में ।

सफल जन्म तमाम,

दर्शन देंगे श्रीराम ,

विराजेंगे रघुवर मेरे ,

अयोध्या धाम ,

जय जय श्रीराम । 

हिंदी दिवस की बहुत शुभकामनायें , जय श्रीराम ।

मंगलवार, 2 जनवरी 2024

दो हजार #चौबीस के भाग्य में ......

इमेज गूगल साभार

दो हजार #चौबीस के भाग्य में,

था यह मंगल काम ,

कि #अयोध्या के भव्य धाम में,

विराजेंगे प्रभु #श्रीराम ।


कितने वर्षों ने राह तके,

पर यह सौभाग्य पा न सके ,

यह कई जन्मों का पुण्य था,

जो पायेंगे #रघुवर हाथों उत्थान।


जन जन भी धन्य हुआ ,

और कण कण सारा ब्रह्माण्ड ,

#रामलला के आगमन पर ,

जो करेंगे मंगल गान । 


दुष्ट और दानव परेशान है ,

और दुर्भाग्य से है अज्ञान ,

सद बुद्धि देकर कल्याण करेंगे,

मेरे जय जय श्री राम ।


सकल ब्रम्हांड के स्वामी है ,

हर हृदय के सुखद परिणाम ,

सब प्रभु श्रीराम की शरण में है ,

और हर हृदय उनका पावन धाम ।


दो हजार चौबीस के भाग्य में,

था यह मंगल काम ,

कि अयोध्या के भव्य धाम में,

विराजेंगे प्रभु श्रीराम ।

#आंगन की छत है !

  #आंगन की छत है , #रस्सी की एक डोर, बांध रखी है उसे , किसी कौने की ओर। #नारियल की #नट्टी बंधी और एक पात्र #चौकोर , एक में भरा पानी , एक में...