उड़ने को आसमां का
फैला है फलक,
कदम आगे बढ़ाने को,
धरा है विस्तृत ,
बढ़ते हुये हौसलें है,
और मुश्किल है पस्त।
क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।
गंगा विकास की
रही है छलक ,
तकनीक से तरक्की
पा रही है रौनक ,
चांद सूरज में भी कदम
रख चुके हैं अब ,
क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।
प्रचुर धन धान्य से ,
ये धरा है समृद्ध ,
बढ़ते भविष्य के लिये
है हुनर और सबक ,
आन बान और शान देश की
रही है चमक ,
क्योंकि है #आजादी का #अमृत ।।
🌷शुभ स्वतंत्रता दिवस , शुभ 15 अगस्त ।।🌷
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 15 अगस्त 2024 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं बहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंऔर स्वतंत्रता दिवस पर आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।