Image गूगल साभार |
कैसे #कह दूं कि
तुम #चले जाओ।
भरता नहीं मन,
कुछ पल की बातों में,
पास बैठे रहो यूं ही,
पल पल दिन रातों में
मिले इन पलों को
अब यूं न ग़वाओ।
कैसे कह दूं कि
तुम चले जाओ।
#बारिश होगी
कही भीग न जाओ,
#पानी में न कहीं
तुम #आग लगाओ,
फिक्र में तुम्हारी
अब और न #उलझाओ।
कैसे कह दूं कि
तुम चले जाओ।
#परवाह नहीं मुझे
जमाने के तानों की
मन को तो भाये
संग तेरे सैर बागानों की
जमाने की बातों को
अब क्यूं दे हम भाव।
कैसे कह दूं कि
तुम चले जाओ।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 15 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंआदरणीय मेम ,
हटाएंमेरी लिखी रचना को "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 15 जुलाई 2024 को लिंक http://halchalwith5links.blogspot.in पर शामिल करने के लिए , बहुत धन्यवाद, एवं आभार ! !
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद आदरणीय ।
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद आदरणीय ।
हटाएंबहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंआपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु बहुत धन्यवाद आदरणीय मेम ।
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