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शनिवार, 26 नवंबर 2022
यूं #तकदीर की चादर ओढ़ाया न करो !
शनिवार, 19 नवंबर 2022
काश फिर से आ जाये #श्रद्धा !
अब रही न कोई #श्रद्धा ,
अपने ही परिवार में
अपने घर और द्वार में ।
अब रही न कोई श्रद्धा ,
संस्कृति और संस्कार में ,
धर्म और अपने त्यौहार में ।
अब खत्म हो गई है श्रद्धा ,
अपने बड़े बुजुर्गों के प्रति ,
अपने माता पिता से अति।
अच्छी नहीं है ऐसी श्रद्धा,
जो करती मनमानी ,
जो अपनों को समझती दुश्मन जानी ।
अब बिखर गई है श्रद्धा ,
टूटकर कई टुकड़ों में ,
फिजाओं के किन्ही कतरों में ।
काश रुक जाती श्रद्धा ,
परिवार से बिछड़ने से ,
उलझनों में उतरने से ।
काश फिर से आ जाये श्रद्धा ,
वही पहला सा रूप धरकर ,
वही अपने पुराने घर पर ।
शनिवार, 12 नवंबर 2022
#आवारा सा #दिल कहीं का ।
#आवारा सा #दिल कहीं का ,
न उम्र देखें न सलीका ,
जहां देखा चेहरा हंसी सा ,
बस हो जाये उसी का ।
न आसमां न जमीं का ,
न ख्याल दुनिया की रस्मों का ,
जब देखें रंग बिरंगी तितलियां ,
बस हो जाये उन्हीं का ।
ये माने न कहना किसी का ,
है खुद की दुनिया का शहंशाह ,
उसे पुकारा जिसने होकर अपना,
बस हो जाये उन्हीं का ।
सोशल मीडिया के दुनिया का,
अब खूब लगा रहा है गोता,
ढेरों लाइक है दोस्तों का ,
सारा जग लगा है अपनों सा ।
आवारा सा दिल कहीं का ,
कहीं खाकर कोई धोखा ,
बिखर न जाये एक सीसा सा,
कहीं हो न जाये दुखी सा ।
मंगलवार, 1 नवंबर 2022
बस अपना #ख्याल रखना ।
इमेज गूगल साभार |
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